थोउबाल : मणिपुर में पहली बार चुनाव लड़ रहीं इरोम शर्मिला पूरी तरह से नकार दी गईं. उन्हें महज 90 वोट मिले. 16 साल तक मानवाधिकार की लड़ाई करने वाली इरोम शर्मिला हार से आहत हुईं. उन्होंने शनिवार को ही राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया. Irom
मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम सिंह ने भाजपा के एल बसंत सिंह को 10,400 मतों से पराजित कर थोउबाल सीट पर जीत हासिल की.
इसी सीट से इरोम भी कैंडिडेट थीं. ‘आयरन लेडी’ को मतदाताओं ने पसंद नहीं किया.
राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. 60 सीटों में कांग्रेस को 26 और बीजेपी को 22 सीटें मिलीं.
Lok Jan Shakti Party को 1, National People’s Party को 4 सीटें मिलीं. वहीं, TMC ने भी एक सीट पर कब्जा जमाया.
मणिपुर विधानसभा चुनाव में सभी की नजरें इरोम शर्मिला पर टिकी थीं. इरोम ने सशस्त्र बल विशोषाधिकार अधिनियम, 1958 के खिलाफ बीते साल अपने 16 साल लंबे अनशन को तोड़कर राजनीति में आने का फैसला लिया था.
पिछले साल ही उन्होंने अपना अनशन तोड़ा था. शर्मिला की पीपुल्स रिसर्जेसेंजेंस एंड जस्टिस एलाइंस(प्रजा) पार्टी ने 60 में से 3 सीटों पर चुनाव लड़ा.
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