नई दिल्ली : महाराष्ट्र और ओडिशा में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इन आरोपों की छींटों से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी बचे नहीं हैं। Congress
खबर के मुताबिक, दोनों राज्यों में फिडड्डी साबित होने के लिए के बाद कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने राहुल गांधी की क्षमताओं पर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
हालांकि, ये सवाल अभी दबी आवाज में उठ रहे हैं। अभी भी इस बात पर मंथन हो रहा है कि राहुल गांधी समेत पूरे आलाकमान के सामने यह बात कहेगा कौन ?
ओडिशा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार के लिए फंड की कमी को भी जिम्मेदार ठहराया गया था। अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार है।
खबर के मुताबिक, एक सीनियर नेता ने तो यहां तक भी कह दिया कि, ‘बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधकर उससे कौन सवाल करे?’
2014 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने नए सिरे से प्लानिंग शुरू की थी। लेकिन उससे पार्टी में नई ऊर्जा आने की जगह पार्टी राज्यों के चुनावों में और बुरी तरह हारी।
सीनियर नेताओं ने कहा है कि मोदी सरकार को काउंटर करने के लिए राहुल गांधी के पास कोई गेम प्लान नहीं है।
सीनियर नेताओं का यह भी मानना है कि महाराष्ट्र, ओडिशा में बीजेपी को मिले फायदे का असर यूपी में चल रहे विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।
वहां अभी तीन चरणों के चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। हालांकि, कुछ कांग्रेसी नेताओं का यह भी कहना है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभाल लेना चाहिए और प्रियंका गांधी को भी राजनीति में एक्टिव हो जाना चाहिए।
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