मुंबई। आदर्श हाउसिंग सोसायटी की इमारत को गिराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से एक सप्ताह के अंदर इमारत को अपने कब्जे में लेने के लिए कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस 31 मंजिला इमारत को अपने कब्जे में लेने के दौरान इसे ढहाया न जाए।
जवाब में केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट में कहा कि हम इमारत को सुरक्षा प्रदान करेंगे और कोई तोडफोड़ नहीं की जाएगी। अप्रैल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को इस इमारत को गिरा कर जमीन कब्जे में लेने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शुरू करने के भी आदेश दिए थे। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाउसिंग सोसायटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मामले में अगली सुनवाई 5 अगस्त को होनी है। बता दें कि करगिल युद्ध के नायकों और उनकी विधवाओं के लिए छह मंजिला सोसाइटी बनाई जानी थी। इसे बाद में 100 मीटर ऊंचे टावर में तब्दील कर दिया गया, जिसमें कथित तौर पर साजिशन कई नेताओं, नौकरशाहों, सैन्य अधिकारियों ने कम कीमतों पर फ्लैट ले लिए। नवंबर 2011 में इस घोटाले का खुलासा होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और कई अन्य अधिकारियों को पद से हाथ धोना पड़ा था।