नई दिल्ली : यूपी चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस की बदली हुई रणनीति और उसमें प्रियंका गांधी की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए कयास लगने लगे हैं कि क्या सोनिया गांधी की जगह प्रियंका गांधी 2019 के चुनाव में रायबरेली लोकसभा सीट से मैदान में उतरेंगी। Priyanka
हाल के दिनों में सोनिया गांधी की सक्रियता सियासी गलियारे में कम ही देखी गई है।
जानकार बताते हैं कि खराब स्वास्थ्य के कारण सोनिया गांधी की सक्रियता घटी है।
यूपी चुनाव के लिए जब सपा से गठबंधन पर बात बिगड़ते-बिगड़ते बनी तो इसका श्रेय प्रियंका गांधी को दिया गया।
कहा गया कि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल से प्रियंका गांधी की अंडरस्टैंडिंग के कारण गठबंधन पर बात बनी।
इससे पहले भी प्रियंका गांधी अप्रत्यक्ष तौर पर सियासत में सक्रिय रही हैं। प्रियंका 1999 से ही अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन देखती आ रही हैं।
इन अटकलों के बीच, कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा राजनीति में अहम भूमिका अदा करें।
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ हुए गठबंधन में प्रियंका की भूमिका को स्वीकार किया है।
कांग्रेस 105 सीटों पर, जबकि सपा 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि प्रियंका गांधी ने गठबंधन कराने में अहम भूमिका निभाई।
सोनिया गांधी ने सबसे पहला चुनाव 1999 में अमेठी से लड़ा था। हालांकि, राहुल गांधी के लिए रास्ता तैयार करने के वास्ते 2004 में वें रायबरेली सीट से चुनावी मैदान में उतरीं।
अब ये दोनों सीटें गांधी परिवार की सीटों के रूप में जानी जाती हैं। राहुल गांधी 2004 से अमेठी से सांसद हैं तो सोनिया रायबरेली का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इन दोनों सीटों पर चुनाव प्रबंधन का काम प्रियंका गांधी देखती हैं और वहां के लोगों से प्रियंका का सीधा संपर्क रहा है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पार्टी सूत्रों का मानना है कि इंदिरा गांधी की सीट रही रायबरेली प्रियंका की प़लिटिकल लॉन्चिंग के लिए सबसे मुफिद है।