पटना : चुनाव से पहले एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा चर्चा में आ गया है। आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने जब जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण दिए जाने पर सवाल उठाया तो ये शुक्रवार को ये खबर सुर्खिया में आ गई। Lalu prasad
संघ के आरक्षण पर सवाल उठाना राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पसंद नहीं आया । लालू ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर एक के बाद ट्वीट किए। लालू ने अपने ट्वीट में लिखा कि आरक्षण संविधान से मिला है।
ये आरएसएस जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं। इसे छिनने वालों को औकात को में लाना कमेरे वार्गों को आता है। लालू यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा संघ को पहले अपने घर में 100 प्रतिशत आरक्षण की समीक्षा करनी चाहिए और अपने तीसरे ट्वीट में बिहार चुनाव को हवाला देते हुए लालू ने कहा कि फिर यूपी चुनाव में जमकर धुलाई करेंगे।
इससे पहले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में उन्होंने कहा कि जाति आधारित आरक्षण खत्म होना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में वैद्य ने कहा, ”आरक्षण का विषय भारत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिहाज से अलग संदर्भ में आया है।
इन्हें लंबे समय तक सुविधाओं से वंचित रखा गया है। भीमराव अंबेडकर ने भी कहा है कि किसी भी सत्र में ऐसे आरक्षण का प्रावधान हमेशा नहीं रह सकता।
इसे जल्द से जल्द खत्म करके अवसर देना चाहिए। इसके बजाय शिक्षा और समान अवसर का मौका देना चाहिए। इससे समाज में भेद का निर्माण हो रहा है।”
आरएसएस के एक अन्य नेता दत्तात्रेय होसबोले ने वैद्य के बयान पर सफार्इ देते हुए कहा कि उनके कहने का मतलब है कि जब तक कुछ लोगों से भेदभाव होता रहेगा और सभी को समान अवसर नहीं मिलेंगे तब तक जाति आधारित आरक्षण जारी रहना चाहिए।
वैद्य के बयान पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि इन लोगों को बिहार की तरह यूपी में भी धूल चटा देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणवीर सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मतों को बांटने और ध्रुवीकरण के लिए भाजपा और आरसएस की साजिश है।
वे दलित और गरीब विरोधी हैं। प्रधानमंत्री को इस पर माफी मांगनी चाहिए। विवाद होने पर वैद्य ने कहा कि समाज में भेदभाव है तब तक आरक्षण रहेगा। संघ आरक्षण के पक्ष में हैं।