नई दिल्ली : कुछ महीने पहले सियासत में नौसिखिया समझे जा रहे यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले तो अपनी रणनीति के बल पर अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव जैसे सियासी धुरंधरों को पटखनी देते हुए पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर कब्जा कर लिया। Sonia
अब वे मुश्किल वक्त में अपने साथ खड़ी रही कांग्रेस को भी घुटनों के बल लाने पर अड़ गए हैं।
कांग्रेस आलाकमान अखिलेश के इस बदले हुए रुख से हैरान है। सोनिया गांधी इसे लेकर नाराज भी बताई जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की संभावना अब खत्म हो गई है और कांग्रेस ने 140 सीटों अपने प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक जब तक सपा का नाम और साइकिल चुनाव चिन्ह नहीं मिला था, तब तक अखिलेश ने कांग्रेस को 142 सीटें दे रखी थीं।
अखिलेश ने ये बात लिखकर कांग्रेस को दी थी लेकिन समाजवादी पार्टी और साइकिल मिलने के बाद अखिलेश ने मजबूरी बताते हुए 121 सीटें ऑफर कीं।
इसके बाद जब 121 पर कांग्रेस ने हां की, तो वो 100 पर अटक गए। उनका कहना है कि, नेताजी की 38 लोगों की सूची को एडजस्ट करना है। बताया जाता है कि कांग्रेस 110 सीटों पर भी मान गई थी,
लेकिन तब अखिलेश ने कहा कि, कुछ पुराने और आज़म खान सरीखे नेताओं की सीटों की मांग आ गई है, मेरी पार्टी के कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। इसलिए मैं 100 से ज़्यादा नहीं दे पा रहा।
कांग्रेस आलाकमान अखिलेश के इस बदलते रुख से नाराज और हैरान है। पार्टी का कहना है कि या तो सपा 110 सीटें देने पर राजी हो वर्ना गठबंधन नहीं होगा।
सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की संभावना अब खत्म हो गई है और कांग्रेस ने 140 सीटों अपने प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
शाम को कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक के बाद बाहर निकले गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन ये जरूर बताया कि बैठक में पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया।