इस प्रस्ताव में इजरायल से पूर्वी येरूशलम समेत फिलीस्तीन के इलाके को खाली कर वहां चल रही अन्य गतिविधियों को तुरंत समाप्त करने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव पर 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में कल मतदान हुआ था जिसमें अमेरिका ने हिस्सा नहीं लिया था।
गौरतलब है कि अमेरिका इस मामले में परंपरागत तौर पर इजरायल का समर्थन कर उसे अब तक संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई से बचाता आया है लेकिन इस बार उसने ऐसा नहीं किया।
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय को निर्देश देकर एक माह के भीतर संयुक्त राष्ट्र के साथ हर प्रकार के अनुबंधों का दोबारा मूल्यांकन करने के लिए कहा है।
नेतन्याहू ने कहा कि इसमें संयुक्त राष्ट्र के संस्थानों को इजरायल की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद और उसके प्रतिनिधियों की इजरायल में मौजूदगी भी शामिल है।
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