लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली के प्रदूषण का असर पश्चिमी तथा मध्य उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला। लखनऊ समेत कई शहर धुंध की चपेट में रहे। दिवाली के बाद से दिल्ली से सटे जिलों में पटाखे व फसलों के ठूंठ खेतों में जलाने की वजह से फैली जहरीली धुंध का असर अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक पहुंच गया है। दिल्ली से चलकर ये धुंध गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, आगरा, कानपुर होते हुए राजधानी लखनऊ तक पहुंच गया। smog
आगरा में इसका असर साफ दिखा। सूरज की रोशनी में चमकने वाला संगमरमर से बना ताजमहल धुंध में खो गया तो वहीं, हापुड़ में धुंध की वजह से कई वाहन एक-दूसरे से टकरा गए। वहां हादसों के दौरान कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। लखनऊ में भी सुबह से ही धुंध का असर देखने को मिला यहां तक कि लोगों को सांस लेने में भी कुछ दिक्कत महसूस हुयी। कानपुर में भी धुंध के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में परसों की शाम को जिस कोहरे को बदलते मौसम की आहट समझा गया वह हकीकत में दिल्ली से उड़ी प्रदूषण की चादर थी जो देखते ही देखते रात भर में पूरे शहर पर छा गयी। रविवार को सुबह होने के बाद भी सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो सके। दिन चढ़े धुएं की चादर ने असर दिखाना शुरू कर दिया। राह चलने वाले लोग सांस लेने में दिक्कत और धुएं से आंखों में जलन की शिकायत कर रहे हैं। smog
दीपावली के बाद से दिल्ली व उसके आसपास के इलाकों में आसमान पर धुएं की चादर छाई है। इसके अलावा धुंध के लिये पंजाब, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश और दिल्ली के खेतों में फसलों के वेस्टेज जलाने से पैदा हुए धुएं को जिम्मेदार माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने इन राज्यों की सरकारों से फसलों का वेस्टेज जलाने से रोकने के आदेश दिये थे। धुंध और धुंए के लिये रही-सही कसर दीपावली पर दिल्ली में फोड़े गये पटाखों ने पूरी कर दी।
धुएं का गुबार आसमान में नमी के चलते ऊपर नही जा सका और अब वह धुंआ शहरियों को झेलना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि दमा और अस्थमा के पेशेंट इस मौसम में घर से बाहर न निकालें। इतना ही नहीं बड़े बुजुर्गों को भी घर में रहने की सलाह दी गई है। एनसीआर से जुड़े जिलों की हवा पहले ही प्रदूषण के चलते खराब हो चुकी है। अब लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े इलाके में इस नई मुसीबत से लोगो का सड़क पर चलना दुश्वार हो गया है। smog