बाबा रामदेव ने पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर किए गये एक सवाल के जवाब में कहा कि “कलाकार आतंकवादी नहीं होते हैं, लेकिन क्या उनमें जरा भी मानवता नहीं है? उन्हें सिर्फ अपनी फिल्म से, पैसा कमाने और फिर बिरयानी खाने से मतलब है। उन लोगों ने उरी अटैक और दूसरी आतंकवादी घटनाओं की निंदा क्यों नहीं की?” pakistani artistes
योग गुरु बाबा रामदेव भी उन लोगों मे से हैं जिन्होंने चीनी सामान का बहिष्कार करने की सबसे ज्यादा अपील की है। दरअसल चीन के प्रोडक्ट्स ना खरीदने के पीछे उनका तथ्य है कि “चीन भारत से पैसे कमाता है और फिर उसी पैसे से पाकिस्तान की मदद करता है।”
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि ऐसा करने का उद्देश्य चीन पर सामाजिक-आर्थिक दबाव बनाना है। भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने को लेकर भी उनसे सवाल किया गया। इसपर बाबा रामदेव ने कहा, “कलाकार आतंकवादी नहीं होते हैं, लेकिन क्या उनमें जरा भी मानवता नहीं है? उन्हें सिर्फ अपनी फिल्म से, पैसा कमाने और फिर बिरयानी खाने से मतलब है। उन लोगों ने उरी अटैक और दूसरी आतंकवादी घटनाओं की निंदा क्यों नहीं की?” हालांकि पंतजलि आयुर्वेद के संस्थापक रामदेव ने कहा कि उन्हें मौका मिला तो वो पाकिस्तान जाकर योग जरूर सिखाएंगे।
गौरतलब है कि पतंजलि एक दशक से कम समय में 5,000 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई है। योग गुरु ने पाकिस्तान में भी पतंजलि की यूनिट लगाने की इच्छा जाहिर की और कहा कि वह पाकिस्तानी कलाकारों की तरह नहीं करेंगे और वहां से पैसे कमाकर अपने देश नहीं लाएंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में होने वाली कमाई को पाकिस्तानी के ही लोगों पर खर्च किया जाएगा।
हाल ही में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “बुराई का अंत करना हिंसा नहीं होती। मुझे लगता है मोदी जी दाउद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे लोगों का भी अंत करेंगे। इस तरह देश के लोगों में गरीबी और काले धन को लेकर जो शिकायत है वह मिट जाएगी। मैंने इस संबंध में मोदी जी को ट्वीट भी किया था कि उन्हें बुद्ध और युद्ध को साथ लेकर चलाना चाहिए, क्योंकि क्रांति के बिना शांती नहीं होती।”