अमरीकी रक्षा विभाग का कहना है कि 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के तीन कथित मास्टरमाइंड ने मौत की सजा न देने की शर्त पर अपना अपराध स्वीकार करने की हामी भर ली है।
खालिद शेख मुहम्मद, वलीद मुहम्मद सालेह मुबारक बिन अत्ताश और मुस्तफा अहमद आदम अल-हुस्वि को उन्हें पिछले कई वर्षों से क्यूबा के ग्वांतानामो बे में अमरीकी नौसेना अड्डे पर कैद में रखा गया है।
अमरीकी समाचार एजेंसियों के अनुसार, अभियोजन पक्ष की ओर से ये तीन व्यक्ति, मृत्युदंड की सजा न देने पर सहमति मिलने पर अपना जुर्म क़ुबूल करेंगे। याचिका समझौते की शर्तें अभी तक जारी नहीं की गई हैं।
सैन्य आयोग के कार्यालय के अनुसार, मोहम्मद, वालिद मुहम्मद सालेह मुबारक बिन अत्ताश और मुस्तफा अहमद आदम अल हौसावी को अगले सप्ताह क्यूबा के ग्वांतानामो बे में एक सुनवाई में पेश होना है।
गौरतलब है कि 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क, वर्जीनिया और पेंसिल्वेनिया में अल-कायदा के हमलों में लगभग 3,000 लोग मारे गए थे, जिसके बाद आतंक के खिलाफ अफगानिस्तान और इराक पर हमले हुए थे।
रक्षा विभाग ने एक बयान में कहा कि मोहम्मद और कई अन्य प्रतिवादियों, जिनमें याचिका समझौते में शामिल दो अन्य शामिल हैं, पर हमले में उनकी कथित भूमिका के संबंध में 2008 में आरोप लगाए गए और उन पर मुकदमा चलाया गया।
मोहम्मद पर हमलों में मारे गए लगभग 3,000 लोगों के संबंध में युद्ध अपराध और हत्या का आरोप लगाया गया था। उसे 2003 में पाकिस्तान में पकड़ा गया था और ग्वांतानामो बे में अन्य अलकायदा बंदियों के साथ रखा गया था।
क्यूबा में सैन्य जेल में बंद लोगों के बचाव पक्ष के वकीलों ने सरकार की वर्षों से हो रही देरी की आलोचना की है, जिससे उनके मामले अटके हुए हैं।
कुछ वकीलों ने देरी के लिए सरकार द्वारा गुप्त सीआईए जेलों में बंदियों को ग्वांतानामो ले जाने से पहले यातना दिए जाने के विवरण को छिपाने की कोशिश को जिम्मेदार ठहराया है।
सैन्य अभियोजकों ने देरी के लिए बचाव पक्ष के वकीलों को दोषी ठहराया है, उन्होंने अदालती दस्तावेजों में कहा है कि उन्होंने सरकार के साक्ष्य को चुनौती देने वाले कई प्रस्ताव दायर किए हैं।
अमरीकी धरती पर 1941 में पर्ल हार्बर पर किए गए जापानी हवाई हमले के बाद से यह अमरीका पर सबसे घातक हमला था। पर्ल हार्बर हमले में 2,400 लोग मारे गए थे।
अमरीकी समाचार पत्रों के अनुसार, समझौते की घोषणा सबसे पहले अभियोजकों द्वारा पीड़ित परिवारों को भेजे गए एक पत्र में की गई थी।
मुख्य अभियोजक रियर एडमिरल आरोन रोगे द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि इसमें संभावित सज़ा के तौर पर मौत की सज़ा को ख़त्म करने की बात कही गई है। ये तीनों आरोपी आरोप पत्र में सूचीबद्ध 2976 लोगों की हत्या सहित सभी आरोपों को कबूल करने के लिए सहमत हो गए हैं।