बैंक खातों में न्यूनतम राशि न होने पर वित्त वर्ष 2020 से 2024 के बीच इसका हर्जाना आम ग्राहकों से वसूला गया है। इस मद में सरकार द्वारा 8500 करोड़ की राशि वसूली गई हैं। जुर्माने के तौर पर वसूली जाने वाली यह राशि पिछले पांच सालों में आम ग्राहकों से ली गई है।
द हिन्दू बिज़नेस लाइन की एक खबर के मुताबिक़, केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी लिखित में दी है। पेनाल्टी के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा सबसे ज्यादा वसूली की गई है।
वित्त वर्ष 20 और वित्त वर्ष 24 के बीच खातों में न्यूनतम शेष राशि न मेंटेन न रखने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 8,500 करोड़ रूपये का जुर्माना एकत्र किया है। ऐसा तब हुआ है जब इस सम्बन्ध में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के लिए जुर्माना नहीं लगाने की बात कही जा चुकी है।
गौरतलब है कि देश के शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक द्वारा वित्त वर्ष 20 के बाद खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के लिए जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) द्वारा इसके लिए एकत्र की गई राशि में पिछले पांच वर्षों में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
लोकसभा में राज्य मंत्री (वित्त) पंकज चौधरी द्वारा प्रश्न के लिखित उत्तर के भाग के रूप में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 20 से शुरू होने वाले पांच वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने इस मद में लगभग ₹8,500 करोड़ एकत्र किए हैं।
इनमे 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक और यूको बैंक ने न्यूनतम तिमाही औसत शेष राशि (QAB) न बनाए रखने के लिए जुर्माना वसूला है।
राज्य मंत्री (वित्त) पंकज चौधरी ने कहा कि बैंकों को खाता खोलते समय ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता के बारे में सूचित करना चाहिए और किसी भी बदलाव के बारे में उन्हें सूचित करना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि यदि न्यूनतम शेष राशि बनाए नहीं रखी जाती है, तो बैंक को ग्राहकों को दंडात्मक शुल्क के बारे में सूचित करना चाहिए, जो एक महीने के भीतर सुधार न किए जाने पर लागू होगा।
हालांकि, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस (एएमबी) न बनाए रखने पर जुर्माना लगाते हैं।
विभिन्न पीएसबी में जुर्माना वसूलने के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट से पता चलता है कि बचत खाताधारक को शहरी और मेट्रो, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमश: ₹2,000, ₹1,000 और ₹500 का न्यूनतम क्यूएबी बनाए रखना होगा। इसे बनाए न रखने पर तीन भौगोलिक क्षेत्रों में क्रमश: ₹100, ₹150 और ₹250 तक का जुर्माना लग सकता है।
चालू खाताधारक के लिए, ग्रामीण, अर्ध शहरी, शहरी और मेट्रो क्षेत्र के लिए न्यूनतम क्यूएबी क्रमश: ₹1,000, ₹2,000, ₹5,000 और ₹10,000 है। इस बैलेंस को बनाए न रखने पर भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर ₹400 से ₹600 के बीच जुर्माना लग सकता है।
केनरा बैंक की वेबसाइट के अनुसार, बचत खाताधारक को शहरी और मेट्रो क्षेत्र में ₹2,000 का बैलेंस बनाए रखना आवश्यक है, जबकि अर्ध शहरी क्षेत्र में यह ₹1,000 और ग्रामीण क्षेत्र में ₹500 है। तीनों भौगोलिक क्षेत्रों में ग्राहक को कमी राशि के आधार पर ₹25 से ₹45 के बीच जुर्माना और GST देना होगा। चालू खातों के लिए, AMB ग्रामीण, अर्ध शहरी, शहरी और मेट्रो में क्रमशः ₹1,000, ₹2,000, ₹5,000 और ₹7,500 होगा। कमी के मामले में, प्रति दिन ₹60 का जुर्माना, जो एक महीने में अधिकतम ₹500 तक हो सकता है, GST के साथ लगाया जाएगा।