भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। मनमोहन सिंह की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में भर्ती किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल ने मनमोहन के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, ”गहरे दुख के साथ हम घोषणा करते हैं कि भारत के पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।”
डॉ मनमोहन सिंह लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 2004 से 2014 तक देश की बागडोर संभाली। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह भारत के वित्त मंत्री और वित्त सचिव भी थे।
‘मैं मानता हूं कि अभी की मीडिया की तुलना में इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा। मैं सारी बात बता नहीं सकता कि कैबिनेट में क्या-क्या बातें होती हैं। गठबंधन की मजबूरियां होती ही हैं।’-पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर भारत सरकार ने आज के लिए निर्धारित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार (28 दिसंबर) को होने की उम्मीद है।
उन्होंने 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पहली बार पीएम पद की शपथ ली थी। उन्होंने 2009 से 2014 तक अपना दूसरा कार्यकाल पूरा किया। उसके बाद 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी जगह ली। पूर्व प्रधानमंत्री ने 33 साल तक सेवा देने के बाद वे इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो गए थे।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अमित शाह, राजनाथ सिंह, प्रियंका गांधी आदि तमाम नेताओं ने दुख जाहिर किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट पर लिखा- “भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉक्टर मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक में है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर काम किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए बड़े प्रयास किए।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि निस्संदेह, इतिहास आपको विनम्रता से याद करेगा।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ मनमोहन सिंह जी ने असीम बुद्धिमत्ता और निष्ठा के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने देश को प्रेरित किया। श्रीमती कौर और परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना।’’ आगे उन्होंने कहा- ‘‘मैंने एक संरक्षक और मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।’’
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा, “राजनीति में बहुत कम लोग सरदार मनमोहन सिंह जी जैसा सम्मान पाते हैं। उनकी ईमानदारी हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहेगी और वे हमेशा उन लोगों के बीच खड़े रहेंगे जो इस देश से सच्चा प्यार करते हैं, क्योंकि वे अपने विरोधियों द्वारा अनुचित और गहरे व्यक्तिगत हमलों के बावजूद राष्ट्र की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहे।”
स्वास्थ्य समस्याओं के कारण डॉ मनमोहन सिंह ने हाल के वर्षों में राजनीति से संन्यास ले लिया था। उनका आखिरी सार्वजनिक कार्यक्रम जनवरी 2024 में उनकी बेटी की पुस्तक का विमोचन था। वह अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए।
आज उनका यह स्टेटमेंट अधिकतर लोगों की जबान पर है। लिए अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के तौर जब उनसे ये पूछा गया था कि आपके बारे में कहा जाता है कि आप कैबिनेट में मंत्रियों पर नियंत्रण नहीं कर पाए। आपकी बात नहीं मानी गई और आप चुप रहे? इस पर मनमोहन सिंह ने जवाब दिया- ‘मैं मानता हूं कि अभी की मीडिया की तुलना में इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा। मैं सारी बात बता नहीं सकता कि कैबिनेट में क्या-क्या बातें होती हैं। गठबंधन की मजबूरियां होती ही हैं।’
पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पाकिस्तान के चकवाल जिले में हुआ था, भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
डॉ मनमोहन सिंह चोटी के अर्थशास्त्री रहे हैं। देश में महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का खाका तैयार करने और उन्हें लागू करने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बड़ी भूमिका रही है।