नई दिल्ली। आईएस के छह संदिग्ध आतंकी राजधानी में आतंकी हमलों को अंजाम देना चाहते थे। उनके निशाने पर हरिद्वार में आयोजित होने वाला अर्धकुंभ भी था। एनआईए ने यह जानकारी सोमवार को अदालत को दी है। एनआईए ने पटियाला हाउस स्थित जिला जज अमरनाथ की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है।
सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने अदालत को बताया है कि कथित आतंकी आईईडी के जरिये धमाके करने की फिराक में थे। अदालत ने एनआईए द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर विचार के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की है।
एनआईए ने आरोप पत्र में अखलाकुर रहमान, मोहम्मद अजीमुशान, मोहम्मद मेराज, मोहम्मद ओसामा, मोहसिन इब्राहिम सैयद और यूसुफ अलहिंदी के खिलाफ आपराधिक साजिश एवं गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया है। इस मामले में पांच आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि छठा आरोपी अलहिंदी वांछित है।
सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उनका मकसद राजधानी और हरिद्वार अर्धकुंभ में आतंकी हमले कर लोगों के जेहन में आईएस का डर बैठाना था। ताकि पूरे विश्व में इसका संदेश जा सके कि भारत में आईएस का आधार बनना शुरू हो गया है। आरोपियों का यह भी कहना था कि वह इस्लामिक स्टेट को बढ़ावा देने के लिए आगे आए हैं। वह भारतीय मुस्लिम युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास कर रहे थे। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 18 जनवरी को अखलाकुर रहमान, मोहम्मद अजीमुशान, मोहम्मद मेराज, मोहम्मद ओसामा व मोहसिन इब्राहिम सैयद को गिरफ्तार कर प्राथमिकी दर्ज की थी। गृह मंत्रालय के निर्देशों पर यह मामला बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सुपुर्द किया गया था। एनआईए ने अपने आरोप पत्र में कहा कि आईएस की विचारधारा से प्रेरित होकर आरोपियों ने आतंकी हमले करने की साजिश रची थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तफ्तीश के दौरान आरोपियों को रुड़की और मुंबई से गिरफ्तार किया था।