लखनऊ 02 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान वैश्विक महामारी के 36 नये मामले सामने आये है जबकि इस अवधि में 12 मरीज डिस्चार्ज किये गये। राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या 258 है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि प्रदेश के 21 जिलों में कोरोना के एक्टिव केस शून्य हैं। अलीगढ़, अमेठी, अयोध्या, बागपत, बांदा, बस्ती, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, ललितपुर, महोबा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली, सुल्तानपुर में आज कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है।
अब तक 07 करोड़ 27 लाख 49 हजार 298 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में 02 लाख 22 हजार 210 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 36 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अब तक 16 लाख 86 हजार 287 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होने बताया कि औसतन हर दिन ढाई लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। पिछले 24 घंटे में हुई टेस्टिंग में 63 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि मात्र 12 जिलों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 258 है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 07 करोड़ 27 लाख 49 हजार 298 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में 02 लाख 22 हजार 210 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 36 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अब तक 16 लाख 86 हजार 287 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
उन्होने कहा कि बारिश के कारण गड्ढों व निचले स्थानों में जलभराव से बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। कई क्षेत्रों में डेंगू के मरीज सामने आए हैं। मलेरिया के केस बढ़ सकते हैं। ऐसे में साफ-सफाई का बड़ा महत्व है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूरे प्रदेश में वृहद अभियान चलाए जाने की जरूरत है। सभी जिलों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भेजा जाए। यह अधिकारी बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की भी मॉनीटरिंग करेंगे। आशा, संगिनी, आंगनबाड़ी सहित सभी संबंधित कर्मियों को सक्रिय किया जाए।
ग्राम्य विकास, नगर विकास, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा का विशेष अभियान चलाया जाए। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो। पानी उबाल कर छान कर पीने की जानकारी दें। क्लोरीन की गोलियां वितरित की जाएं। पंचायती राज और नगर विकास विभाग द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी स्वच्छता-सैनीटाइजेशन का कार्य कराया जाए। यह सभी कार्य मिशन मोड में सभी 75 जिलों में तत्काल प्रारम्भ कर दिए जाएं।