एकुमोली/इटली: मध्य इटली में आए शक्तिशाली भूकंप से कम से कम 159 लोगों की मौत हो गई. गांवों के तबाह होने के कारण हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं. प्रधानमंत्री मतेओ रेंजी ने चेतावनी दी है कि 368 लोगों के घायल होने तथा मलबे में सैंकड़ों लोगों के दबे होने के कारण मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है.
उन्होंने कहा, ‘‘ यह अंतिम आंकड़ा नहीं है.’’ सैंकड़ों लोगों ने भूकंप के झटके दोबारा आने की आशंका के चलते अस्थायी शिविरों में सर्द रात गुजारी. भूकंप के केंद्र के समीप वाले गांव में सैंकड़ों इमारतें मलबे में तब्दील हो गयीं. भूकंप की तीव्रता 6. 0 से 6. 2 के बीच थी. यह भूकंप उमब्रिया, मार्चे और लाजियो के बीच बसे दूरवर्ती इलाकों में साल के ऐसे समय में आया जब स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक भी काफी संख्या में यहां आए हुए थे. अधिकतर पीड़ित रोम से हैं.
दूसरी ओर मलबे से एक 10 साल की बच्ची ज़िंदा निकली है.
यह इलाका ला अकिला से थोड़ी ही दूर उत्तर में है जहां 2009 में आए भूकंप में करीब 300 लोग मारे गए थे. ज्यादातर मौतें अमात्रीस , एकुमोली और अरकाता डेल तोरंतो गांवों और उनके आसपास के इलाकों में हुई हैं. 69 वर्षीय गुइदो बोरदो अपने बहन और उसके पति को खो चुके हैं. ये लोग एकुमोली के समीप इलिसिया गांव में अपने हालीडे होम में फंस गए थे.
भूकंप से उम्ब्रिया, मारचे और लाजियो बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. एमात्रीस के मेयर सेर्गियो पिरोजी ने कहा, ‘‘आधा गांव तबाह हो गया है.’’ निरीक्षण के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने क्षेत्र में बमबारी कर दी हो.
Italy Quakeपोप फ्रांसिस ने सेंट पीट्स बर्ग में अपना साप्ताहिक कार्यक्रम रोक कर हादसे पर शोक जताया. बोरदो ने बताया, ‘‘ उनकी कोई आवाज सुनायी नहीं दे रही है. हमें केवल उनकी बिल्लियों की आवाजें सुनायी दे रही हैं. मैं वहां पर नहीं था. जैसे ही भूकंप आया , मैं यहां भागा. लोगों ने मेरी बहन के बच्चों को मलबे से निकाल लिया. वे अब अस्पताल में हैं.’’जिस समय तड़के तीन बजकर 36 मिनट पर भूकंप आया यह पर्यटकों से भरा हुआ था. तीन मिनट बाद गांव के 13वीं सदी के टावर पर लगी घड़ी रूक गयी.