न्यूयॉर्क: दुनिया के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों, समुद्री जीवविज्ञानियों और जलवायु विशेषज्ञों ने कहा है कि दुनिया के महासागर असाधारण खतरों का सामना कर रहे हैं। एक खुले पत्र में 200 विशेषज्ञों ने यह बात लिखी है। पत्र में विश्व नेताओं से इस संबंध में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने विशेष रूप से महासागरों में कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण को रोकने की जरूरत पर ध्यान दिलाया है। इस संबंध में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पर भी जोर दिया गया है।
महासागर संरक्षण के लिए लिखे गए इस पत्र पर विशेषज्ञों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। पत्र में इस बात पर जोर दिया गया है कि समुद्र आधारित कार्बन डाइऑक्साइड घटाने वाले ओशियन बेस्ड कार्बन डाई ऑक्साइड रिमूवल (OCDR) अनुसंधान के प्रयासों में और तेजी लाई जाए। इसका मक़सद हर कीमत पर कार्बन डाइऑक्साइड को महासागरों में अवशोषित होने से रोकना है।
यह पत्र संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से पहले जारी किया गया था, जो न्यूयॉर्क में आयोजित किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि इस संदर्भ में, हमने जलवायु परिवर्तन की भयानक घटनाएं भी देखी हैं और इस वर्ष में रिकॉर्ड सबसे गर्म दिन का सामना भी किया है। इसका स्पष्ट कारण यह है कि कार्बन जमा होने के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।
Updated Post: 200 scientists have submitted an open letter on ocean conservation https://t.co/m1RsvIftzg pic.twitter.com/rZchtgRHMG
— Xclusive Channel Network – XCN (@XCNToday) September 8, 2023
पत्र के अनुसार, हम जो कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में छोड़ रहे हैं, वह पृथ्वी की संवेदनशील प्रणालियों को प्रभावित कर रहा है और दुनिया के महासागर अपनी क्षमता से 50 गुना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर रहे हैं। इस प्रकार समुद्र का तापमान बढ़ रहा है और उसका अम्लीकरण बढ़ रहा है। इसके नतीजे में समुद्री जीवन तबाही की तरफ जा रहा है। पत्र में यह भी लिखा है कि कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के हर तरीके को रोकने की जरूरत है।
हस्ताक्षर करने वाले वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि वे इस संबंध में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने नए तरीकों, कानून और रूपरेखा पर भी जोर दिया है। पत्र के मुताबिक, भविष्य की पीढ़ियों के लिए महासागरों को सुरक्षित और टिकाऊ बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। मामले की गंभीरता को दर्शाते हुए पत्र में विश्व नेताओं से इस संबंध में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया गया है।