नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया।
1. 15 अगस्त के दिन देश की आजादी के लिए बलिदान देने वालों की याद आती है। हो सकता है हर किसी को जेल जाने का सौभाग्य न मिला हो, लेकिन प्रत्येक हिंदुस्तानी महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी के लिए प्रतिबद्ध था। तब जाकर स्वराज्य प्राप्त हुआ।
2. सुदर्शन चक्र धारी से लेकर चरखाधारी मोहन तक हमारी यात्रा और विरासत हैं। भीम से भीमराव तक का इतिहास है भारत का।
3. पंचायत हो या संसद हो, ग्राम प्रधान हो या प्रधानमंत्री हो, हर लोकतांत्रिक संस्था को सुराज्य की ओर आगे बढ़ने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा। सरदार पटेल ने देश को एक किया, अब हमारा दायित्व है देश को श्रेष्ठ बनाएं।
4. यह सच है कि देश के सामने कई समस्याएं हैं, लेकिन देश में सामर्थ्य भी है। सामर्थ्य की शक्ति से समस्याओं से समाधान के रास्ते भी मिल जाते हैं।
5. शासन को जनता के लिए उत्तरदायी होना चाहिए। ऐसा न होने पर आम लोगों की समस्याएं ऐसे की ऐसी ही रहती हैं। बदलाव नजर नहीं आता। शासन को संवेदनशील होना चाहिए। हमें याद है वो भी एक दिन थे, जब किसी बड़े अस्पताल में जाना हो तो कितने दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। AIIMS में 2-3 दिन के बाद जांच शुरू होती थी। अब यह व्यवस्था हमने बदली है। सब ऑनलाइन हो गया है।
6. 2 साल के कार्यकाल में हमने अनगिनत काम किए। मैं भी लाल किले की प्राचीर से सरकार की बहुत सी उपलब्धियां बता सकता हूं, लेकिन उसका हिसाब देने के लिए मुझे यहां हफ्ते भर तक बोलना होगा।
7. सरकार में पारदर्शिता को बल देना बेहद महत्वपूर्ण है। मध्यम वर्ग पुलिस से ज्यादा इनकम टैक्स वालों से परेशान होता है। यह स्थिति मैं बदल कर रहूंगा।
8. देश में एक समय था कि सरकार कोई योजना घोषित करे, तो आम आदमी संतुष्ट हो जाता था। एक समय था कि जब तक योजना का खाना न आया तब तक लोग संतुष्ट नहीं होते थे। आज 70 साल में लोगों की मानसिकता बदली है। अब लोग तब मानते हैं जब धरती पर चीजें उतरती हैं। यहां पुरानी रफ्तार से काम नहीं हो सकता, हमें अपने काम की रफ्तार को और तेज करना होगा।
9. आज घर में कार हो, तो उसको प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है। एक समय था कि जब घर में गैस-चूल्हा हो तो उसे सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था। 60 साल में 14 करोड़ लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन दिया गया था, वहीं हमने 60 सप्ताह में 4 करोड़ नए रसोई गैस कनेक्शन दिए।
10. मध्यम वर्ग के लोग पुलिस से ज्यादा इनकम टैक्स वालों से परेशान होते हैं। यह स्थिति मैं बदल कर रहूंगा।
11. प्रधानमंत्री जन-धन योजना मुश्किल काम था। इतने साल से बैंकिंग व्यवस्था थे, बैंक थे, लेकिन फिर भी आबादी के एक बड़े वर्ग के पास बैंक खाता नहीं है। हमने 21 करोड़ परिवारों को जन-धन योजना से जोड़कर असंभव से संभव हुआ। यह सरकार की उपलब्धि नहीं, बल्कि सवा सौ करोड़ नागरिकों की उपलब्धि है।
12. दिल्ली से केवल 3 घंटे की दूरी पर हाथरस इलाके में एक गांव नगला फटेला है। यहां पहुंचने में दिल्ली से केवल 3 घंटे लगते हैं, लेकिन वहां बिजली पहुंचने में 70 साल लग गए।
13. 18 गांवों में से 10 हजार गांवों में बिजली पहुंचा दी गई है। मुझे पता चला है कि उनमें से कई गांव आज पहली बार देश की आजादी के जश्न को टीवी पर देख रहे होंगे। हमने पुरानी सरकारों के काम को भी तवज्जो दी है। कई पुरानी सरकारों की बंद पड़ी योजनाओं को पूरा करने का हमने बीड़ा उठाया। 10 लाख करोड़ लागत की 270 योजनाएं ऐसी हैं जो पिछली सरकारों ने शुरू कीं, लेकिन वे अटकी रहीं। हमने उसके लिए फंड आवंटित किया, ताकि वह पूरी हो सकें।
14. LED बल्ब भारत में यह 350 रुपये में बिकता था। सरकार की आदत होती है कि जहां टांग नहीं अड़ानी चाहिए, वहां अड़ाती है और जहां काम करना चाहिए वहां नहीं करती। हमने इस स्थिति को बदला है। हमने 13 करोड़ बल्ब बांटे हैं। अभी 64 करोड़ और बांटने हैं। जिस समय 77 करोड़ LED बल्ब लग जाएंगे, तब 20 हजार मेगावाट बिजली बचा सकते हैं। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग से भी लड़ा जा सकता है। हमने LED बल्बों की कीमत 50 रुपये कर दी है।
15. यह बात सही है कि पहले की सरकार में महंगाई दर 10 फीसद को भी पार कर गया था। हमारे लगातार कदमों के कारण हमने इसे 6 फीसद से आगे नहीं जाने दिया है। इसके बावजूद 2 साल देश में अकाल रहा। सब्जियों के दाम पर अकाल का सबसे पहले असर दिखता है। इसके कारण दाल के उत्पादन की गिरावट भी चिंता का विषय बना, लेकिन अगर पहले की सरकार की तरह महंगाई बढ़ी होती तो देश के गरीबों का पता नहीं क्या होता। मैं गरीब की थाली को महंगी नहीं होने दूंगा।
16. देश गुरु गोविंद सिंह जी की 350वीं जयंती मनाने जा रहा है। गुरु गोविंद सिंह जी कहते थे कि जिस हाथ ने कभी कोई सेवा ना की हो, जिसने कोई काम ना किया हो, जो हाथ मजदूरी से मजबूत ना हुए हों और उनमें गांठें ना पड़ी हों, तब तक मैं उसको पवित्र नहीं मान सकता। मैं ऐसे में किसान भाइयों को याद करता हूं। सूखे और अकाल के बावजूद उन्होंने देश के अन्न का भंडार भरने में योगदान दिया, उसको हम सलाम करते हैं।
17. किसान दलहन छोड़कर दूसरी फसलों की खेती पर चले गए थे। जब देश के आम लोगों को दाल की कमी महसूस हुई, तब किसान आगे आए और मुझे खुशी है कि इस बार दाल की बुवाई डेढ़ गुना ज्यादा हुई है। मैं उन्हें भरोसा दिलाना चाहता हूं कि उन्हें उनकी मेहनत का वाजिब और पूरा-पूरा हक मिलेगा। हमारे सरकार की नीयत साफ है।
18. किसान के पास मिट्टी है। उसे अगर पानी मिल जाए, तो मेरे देश के किसानों में इतना दम है कि वे जमीन से सोना निकाल लें। इसीलिए हम जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। सिंचाई सुविधाएं पर काफी काम हो रहा है। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों पर भी हम काफी काम कर रहे हैं। इससे किसानों की लागत कम होंगी। अबतक हमने 77 हजार सोलर पंप बांटे हैं। अब किसानों की खुशहाली आएगी।
19. हमारे वैज्ञानिकों ने 171 से ज्यादा नए बीज विकसित किए हैं। वे देश की जलवायु और मिट्टी के हिसाब से इन बीजों को विकसित कर रहे हैं। इससे उपज बढ़ेगी। पहले खाद और यूरिया की कमी होती थी। हमने सबसे ज्यादा खाद का उत्पादन किया है। हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनाई। पहली बार कम से कम प्रीमियम से अधिक से अधिक और गारंटीड लाभ मिल रहा है।
हमने 15 लाख टन अन्न के भंडारण के लिए गोदामों का निर्माण कराया है।
20. मेरा मकसद 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। देश में पहले की सरकारों ने अपने फायदे के लिए बहुत काम किया है। हमारे यहां एकाध लोकरंजक योजनाएं बनाकर सरकारों द्वारा अपनी पहचान बनाए जाने का चलन रहा है। हमने सरकार की पहचान को प्राथमिकता नहीं दी, बल्कि देश की पहचान को महत्व दिया है।