नई दिल्ली। केरल के त्रिशूर के चिडिय़ाघर में सात वर्ष की एक बाघिन दुर्गा की मौत हो गई, जिसके साथ ही इस साल देश में मरने वाले बाघों की संख्या 100 हो गई है। दुर्गा को केरल के वायानाड वन्यजीव अभयारण्य से लाया गया था। वायनाड अभयारण्य के प्रमंडलीय वन अधिकारी धनेश कुमार ने कहा कि इलाज के दौरान चिडिय़ाघर में बाघिन की मौत हो गई। 100 tiger
कुमार ने कहा, हम उसे 27 सितंबर से ही जंगल के बाहर भटकते हुए देख रहे थे। वह कमजोर लग रही थी और बकरी तथा मवेशियों का शिकार कर रही थी। हमने उसे नौ अक्टूबर को पकड़ा और चिडिय़ाघर ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि बाघिन को टैग नहीं किया गया था। हमने उसका नाम दुर्गा रखा था, क्योंकि उसे दुर्गा अष्टमी के दिन पकड़ा गया था।
36 हुए शिकार
त्रिशूर चिडिय़ाघर में पशु चिकित्सक विनय ने कहा, उसका अगला पैर घायल था और एक कनाइन दांत नहीं था, जिसका कारण शायद जंगल में किसी अन्य जानवर के साथ उसकी लड़ाई रही होगी। भारत के वन्यजीव संरक्षण सोसायटी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में भारत में 100 बाघों की मौत हो चुकी है। इनमें से 36 बाघों को शिकार के करने के लिए मारा गया है। साल 2015 में 91 बाघ मारे गए थे।
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