नई दिल्ली। विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक पर केंद्र सराकर ने शिंकजा कंसने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने जाकिर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्ज फाउंडेशन (IRF) को पूर्व अनुमति श्रेणी (prior permission category list) में शामिल करने का फैसला किया है। जिसके तहत जाकिर नाइक के संगठन को बिना गृह मंत्रालय की परमिशन के विदेश से आने वाले चंदे नहीं मिलेगा। जाकिर नाइक के संगठन को विदेशों से मिलने वाले फंड को रोकने की दिशा में यह पहला कदम बताया जा रहा है। बता दें कि गृह मंत्रालय विदेश से आने वाले चंदे को लेकर जाकिर नाइक के संगठन की जांच कर रही है।
एनडीटीवी के मुताबिक मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जाकिर नाइक के संगठन को पिछले महीने गलती से विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस रिन्यू हो गया था, जबकि डॉ जाकिर नाइक पर विदेश से आने वाले चंदे के दुरुपयोग के आरोप के चलते जांच चल रही है। बता दें कि इस मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया गया था। किरण रिजिजू ने बताया था कि हमने तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है क्योंकि जांच जारी रहने के दौरान लाइसेंस रिन्यू नहीं होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश की ओर से नाइक पर लगाए गए आरोपों के बाद से इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि करीब दो सहले एक रुटीन जांच में विसंगतियों का पता चला था, इसमें विदेशी धन को फिक्स्ड डिपॉजिट में बदलना भी शामिल था।
पिछले महीने केंद्र सरकार ने जाकिर नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को मिलने वाली फंडिंग की जांच के आदेश दे दिए थे। सरकार ने यह आदेश उस बात के सामने आने के बाद दिया था जिसमें पता लगा था कि बांग्लादेश के ढाका में हमला करने वाले लड़के जाकिर नाईक से प्रेरित थे। जाकिर नाईक के संगठन पर आरोप है कि उसे विदेश से पैसा मिलता है जिसका इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों और युवाओं को आतंक की तरफ खींचने के लिए किया जाता है।