45 वर्षीय योशीहारू वेतानाबे ने विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने के उद्देश्य से 2012 में तिपतिया घास को पार-परागण (cross-pollination) करना शुरू किया।
उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को बताया, “चूंकि पत्तियों की संख्या में हर साल वृद्धि हुई है, इसलिए मैं तब से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स खिताब के लिए लक्ष्य बनाए रखा।”
अपने इस मिशन के बारे में वेतानाबे बताते हैं कि उन्होंने अपने क्लोवर पैच को प्राकृतिक रूप से परागित करते हुए सबसे अधिक पत्तियों वाले लक्ष्य को पाने के लिए कई तरह की तकनीकों का सहारा लिया। वह कहते हैं कि कई बार उन्हें सफलता मिलती थी और कई बार वह असफल भी हुए।
वेतानाबे के पुरस्कार विजेता क्लोवर में 63 पत्तियां हैं उनका ये प्रयोग 2009 में जापान निवासी शिगेओ ओबरा द्वारा बनाए गए 56 पत्तियों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ता है।
अपने अनुभवों के आधार पर वह बताते है कि इस प्रयोग में कभी पत्तियों की संख्या कम हो सकती है, या कभी आप सामान्य तीन पत्ती वाले क्लोवर के नतीजे पाते हैं।
वेतानाबे के पुरस्कार विजेता क्लोवर में 63 पत्तियां हैं उनका ये प्रयोग 2009 में जापान निवासी शिगेओ ओबरा द्वारा बनाए गए 56 पत्तियों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब हुआ है।
उनका कहना है- ‘हम जानते हैं कि अधिक संख्या में पत्तियों में आनुवंशिकी शामिल होती है, फिर भी हम ठीक से नहीं जानते कि यह कैसे काम करता है।”
योशीहारू वेतानाबे कहते हैं कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि उनके क्लोवर ने रिकॉर्ड बनाया है। आगे एक मान्यता के हवाले से उनका कहना है- “लोग कहते हैं कि चार पत्तियों वाला तिपतिया घास आपके लिए खुशी लेकर आता है, इसलिए यह बहुत अच्छा होगा यदि यह 63 पत्तियों वाला तिपतिया घास लोगों के लिए आश्चर्य और खुशी लेकर आए।”