गुजरात विधानभा चुनाव पहली और पांच दिसंबर को होंगे। इसके नतीजे आठ दिसंबर को सामने आएंगे। इसी बीच तारिख का एलान होते ही सभी पार्टियों की सक्रियता भी बढ़ गई है।
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस सबसे मज़बूत पार्टी के टूर पर नज़र आई, जिसमे भाजपा को सरकार बनाने का अवसर मिला। मगर इस बार आप ने दमदार एंट्री लेकर मुक़ाबले को रोमांचक और त्रिकोणीय बना दिया है।
2017 के परिणामों में एक और हैरान करने वाली बात ये थी कि गुजरात के 3 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 5.51 लाख वोटर्स ने नोटा को चुना था। इनकी संख्या उस समय 1.84 प्रतिशत थी।
चुनाव आयोग के अनुसार, गुजरात चुनाव में इस बार कुल 4,90,89,765 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इनमें से 3,23,422 युवा पहली बार मतदान करेंगे। आयोग ने इस बार 1 जनवरी, 2022 तक 18 साल के हुए युवाओं को मतदान करने का मौका दिया है। इससे युवाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। pic.twitter.com/doNTAkwQRg
— NewsBytes हिन्दी (@NewsbytesHindi) November 3, 2022
2017 के चुनावों में 182 सीटों में 115 पर वोटर्स ने उपरोक्त में से कोई नहीं यानी नोटा को चुना था। इसी तरह के आंकड़े हिमाचल प्रदेश से भी मिले थे। यहाँ 68 सीटों में से 12 सीटों पर ईवीएम मशीन पर नोटा का विकल्प चुना गया जो तीसरे नंबर पर सबसे अधिक था।
इन हालत में ऍम आदमी पार्टी की सबसे अलग रणनीति क्या यहाँ की जनता को लुभाने में कारगर होगी ये भी एक मुद्दा है। आम आदमी पार्टी का पंजाब को लेकर किया एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा था और वहां उन्होंने अपनी ज़मीन मज़बूत की थी। माना जा रहा है कि राज्य में लोग आम आदमी पार्टी को एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं।