अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की आशंका को रोका जा सकता है।
शुक्रवार को बर्लिन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के नेताओं से मुलाकात की। बाइडेन ने मध्य पूर्व में बहु-क्षेत्रीय संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों का आकलन किया।
बर्लिन में हुई इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि इजरायल और ईरान से इस तरह निपटा जा सकता है कि कुछ समय के लिए संघर्ष खत्म हो जाए।
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि लेबनान में संघर्ष विराम के लिए काम करना संभव है, लेकिन गाजा में यह मुश्किल है। हम इस बात से सहमत हैं कि कोई नतीजा निकालना ही होगा।
संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति ने जहाँ इजरायल और ईरान के बीच पूर्ण युद्ध को रोकने के बारे में आशा व्यक्त की है, वहीँ वे गाजा में जल्द ही युद्ध विराम की संभावनाओं के बारे में कुछ कम आश्वस्त दिखे।
बाइडेन की नवीनतम टिप्पणियाँ अमरीका के रुख में संभावित बदलाव का संकेत देती हैं। शुक्रवार को जब बाइडेन से पूछा गया कि क्या उन्हें पता है कि इजरायल कैसे और कब जवाब देगा, तो उन्होंने कहा- “हां और हां।” जब उनसे और ज़्यादा जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने कहा- “नहीं और नहीं।”
माना जाता है कि इसरायल पहली अक्तूबर को इसराइली सैन्य ठिकानों पर तेहरान द्वारा किए गए हमले के जवाब में ईरान के खिलाफ़ हमले की तैयारी कर रहा है।
बताते चलें कि ईरान ने तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हनीया की हत्या और बेरूत में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और एक ईरानी जनरल की हत्या के प्रतिशोध में इजरायल पर मिसाइलों की बौछार की।
इसी हफ्ते इजरायली प्रधानमंत्री ने ईरान पर हमले के ठिकानों को मंजूरी दी थी। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की आशंका जताई जा रही है।
खलीज टाइम्स के अनुसार अमरीकी राष्ट्रपति ने पहले सुझाव दिया था कि वाशिंगटन ईरानी परमाणु या तेल सुविधाओं के खिलाफ इजरायल के हमले का विरोध करता है।
ईरान के तेल क्षेत्र पर सैन्य हमला वैश्विक कीमतों को बढ़ा सकता है और अमरीकी उपभोक्ताओं के लिए महंगा साबित हो सकता है, जिससे डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, बाइडेन की वर्तमान उपराष्ट्रपति, कमला हैरिस की चुनावी संभावनाओं को नुकसान हो सकता है।
इससे पहले हमलों के पिछले दौर में, ईरान ने इस साल की शुरुआत में दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर बमबारी के जवाब में इज़रायल पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं, जिसमें सात लोग मारे गए थे।