एडिलेड: एक नए अध्ययन के अनुसार विटामिन डी की कमी वाले लोगों में डिमेंशिया विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने यूके के बायोबैंक के लगभग 300,000 लोगों के आनुवंशिक डेटा का उपयोग करके यह पता लगाने की कोशिश की है कि डिमेंशिया को विटामिन डी की कमी से कैसे जोड़ा जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन डी के निम्न स्तर को मनोभ्रंश यानी डिमेंशिया और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया और एक आनुवंशिक विश्लेषण ने दोनों के बीच एक लिंक दिखाया। विटामिन डी की कमी वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा अधिक था।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि विटामिन डी के निम्न स्तर में वृद्धि से मनोभ्रंश के विकास के जोखिम को 17% तक कम किया जा सकता है।
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और शोध शोधकर्ता एलेना हाइपोनिन ने कहा, “बड़े पैमाने पर जनसंख्या आनुवंशिक विश्लेषण का उपयोग करके मनोभ्रंश और स्ट्रोक के जोखिमों पर विटामिन डी की कमी के प्रभावों की जांच करने वाला हमारा शोध पहला है।”
विटामिन डी शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है। ये दोनों तत्व हड्डियों को मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिन लोगों में विटामिन डी की कमी होती है उन्हें भी ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा होता है, जिसमें उनकी हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं।