वाराणसी में एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिर गया है. इसके नीचे कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है. इस फ्लाईओवर का निर्माण कैंट रेलवे स्टेशन के पास किया जा रहा था.
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताया है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
#UPCM श्री #YogiAdityanath ने वाराणसी में निर्माणाधीन पुल गिरने की घटना पर दुख जताया है और उन्होंने जिला प्रशासन को तेजी से बचाव कार्य करते हुए लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री श्री @kpmaurya1 कुछ ही देर में वाराणसी पहुंचेंगे।
जानकारी के मुताबिक पुल का हिस्सा टूटकर नीचे जा रहे वाहनों पर जा गिरा, जिसके बाद काफी लोग नीचे दब गए. मौके से आ रही तस्वीरों में टूटे हुए हिस्से के नीचे कई गाड़ियां दबी हुई देखी जा सकती हैं. साथ ही मौके पर मौजूद स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. प्रसाशन और बचाव दल भी घटनास्थल पर पहुंच चुका है.
योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जल्द ही वाराणसी पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक NDRF की 2 टीमों को वाराणसी के लिए रवाना किया गया है जबकि एक टीम पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गई है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से हादसे में पीड़ित लोगों की मदद करने की अपील की है.
वाराणसी में पुल के हादसे में लोगों को बचाने के लिए मैं वहाँ के अपने सभी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूँ कि वे बचाव दल के साथ पूरा सहयोग करें और सरकार से ये अपेक्षा करता हूँ कि वो केवल मुआवज़ा देकर अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं भागेगी बल्कि पूरी ईमानदारी से जाँच करवायेगी.
लोकसभा चुनाव 2014 में वाराणसी से जीत हासिल करके सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी को क्योटो बनाने का वादा किया. इस वादे के तहत पीएम ने वाराणसी को 21वीं सदी के लिए मॉर्डन स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद करते हुए शहर को जापान की धार्मिक राजधानी क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का खाका तैयार किया.
काशी को क्योटो बनाने का है प्लान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 30 अगस्त, 2014 काशी-क्योटो पैक्ट पर समझौता किया. जिसके तहत दोनों देशों को इन दोनों शहरों के बीच ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण, शहरी आधुनिकीकरण और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग करना था.
कैसे काशी बनेगा क्योटो
वादे को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार ने स्टीयरिंग कमेटी बनाई जिसे वॉटर, वेस्ट, सीवर और ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट के लिए जापानी टेक्नॉलजी और मदद लेनी थी. क्योटो शहर के म्युनिसिपल डिपार्टमेंट के सहयोग से शहर के एतिहासिक विरासत को संभालने का ढांचा तैयार किया गया. और क्योटो यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बीच शोध संपर्क स्थापित करने का मसौदा तैयार किया गया.