लखनऊ। अखिलेश सरकार के 55 मंत्रियों में से 40 यानी 73 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं। इन 55 मंत्रियों की औसतन संपत्ति 2.33 करोड़ रुपये है। मंत्रियों में सबसे अमीर गाजीपुर से विधायक चुने गए विजय कुमार मिश्र हैं जिन्होंने 2012 के विधान सभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी नामांकन के साथ दाखिल शपथपत्र में अपनी सम्पत्ति 9.51 करोड़ घोषित की थी। up election watch
बतौर विधान परिषद सदस्य मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने शपथपत्र में कुल सम्पत्ति 8.84 करोड़ घोषित की थी। तीसरे नम्बर पर हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल रहे जिन्होंने वर्ष 2012 के विस चुनाव में बतौर प्रत्याशी अपने शपथपत्र में कुल संपत्ति 7.85 करोड़ रुपये घोषित की थी।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा प्रदेश सरकार के 56 में से 55 मंत्रियों के शपथपत्रों के विश्लेषण से सामने आई है। सबसे कम सम्पत्ति वाले मंत्रियों में अयोध्या से विधायक तेज नारायण हैं जिन्होंने शपथपत्र में कुल सम्पत्ति 66, 612 रुपये घोषित की थी।
दूसरे नम्बर पर तिर्वा कन्नौज के विधायक विजय बहादुर पाल हैं जिन्होंने अपने शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 18 लाख रुपये घोषित की थी।
अखिलेश सरकार के इन 55 मंत्रियों में से 33 मंत्रियों ने अपनी देनदारी घोषित की है जिनमें रायबरेली के ऊंचाहार से चुने गए मनोज कुमार पाण्डेय ने अपने शपथ पत्र में अपनी देनदार 1.97 करोड़ रुपये घोषित की थी। तीसरे नम्बर पर खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं जिन्होंने अपने ऊपर कुल 38 लाख रुपये की देनदारी घोषित की थी।
आयकर विवरण में सबसे ज्यादा वार्षिक आय घोषित करने वाले प्रदेश सरकार के मंत्रियों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नम्बर वन हैं। बतौर एमएलसी उन्होंने आयकर विवरण में अपनी और अपनी सांसद पत्नी की आय जोड़ते हुए वित्तीय वर्ष 2010 11 में भरे गये आयकर रिटर्न में कुल 21 करोड़ 42 लाख 903 रूपये अपनी कुल आय घोषित की थी। अखिलेश सरकार के इन 55 मंत्रियों में से 45 स्नातक या इससे अधिक शैक्षिक योग्यता वाले हैं।
यूपी इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार के 55 में से 28 मंत्रियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वर्ष 2012 के पिछले विस चुनाव में बतौर प्रत्याशी दाखिल किये गए अपने नामांकनों के साथ लगाए गए शपथपत्रों में इन 28 में से 11 मंत्रियों ने अपने ऊपर गम्भीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के मामले शामिल हैं।