वाशिंगटन 13 फरवरी : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में महाभियोग चलाये जाने के सीनेटरों के निर्णय के बाद उनके वकीलों ने अपना पक्ष रखते हुए इस मामले में अंतिम दलील दी। अब महाभियोग पारित करने के फैसला सीनेटरों के हाथ में हैं।
डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों शुक्रवार को अपना पक्ष रखने के लिए 16 घंटे दिए गए थे जिसमें से उन्होंने तीन घंटे तक अपना पक्ष रखा। उन्होंने इस दौरान श्री ट्रम्प के कैपिटल हिल पर छह जनवरी की घटना के बीच संबंध होने को साबित न कर पाने को लेकर प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों की कड़ी आलोचना भी की।
श्री ट्रंप के प्रमुख वकील ब्रूस कास्टर जूनियर ने कल अपना अंतिम पक्ष रखते हुए कहा, “प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों ने 14 से अधिक घंटे केवल यही दिखाने में निकाल दिए कि कैपिटल हिल पर हुई हिंसा कितनी भयावाह थी। उन्होंने एक भी बार यह नहीं बताया कि अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति ट्रंप का इस घटने से क्या लेना देना था, जिसको लेकर यह बहस हुई है।”
“तकरीबन सवा ग्यारह बजे सुरक्षा कैमरों की वीडियो में
यह देखा जा सकता है कि भीड़ कैपिटल के पास फर्स्ट स्ट्रीट
पर एकत्रित होना शुरू हो गई थी और यह घटना
श्री ट्रंप के भाषण से 45 मिनट पहले की है।”
अधिवक्ता कास्टर ने यह साबित करने की मांग भी की कि छह जनवरी में श्री ट्रंप के भाषण से कैपिटल में हिंसा नहीं हुई क्योंकि जब वह भाषण दे रहे थे, उसी दौरान वहां लोगाें में आक्रोश पनपा था न की उनके भाषण देने के बाद। श्री ट्रंप ने तो समर्थकों से शांतिपूर्वक विरोध करने का आह्वान किया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति के शब्दों को गलत दिखाने का प्रयास किया गया है।
श्री कास्टर ने सवाल करते हुए कहा, “तकरीबन सवा ग्यारह बजे सुरक्षा कैमरों की वीडियो में यह देखा जा सकता है कि भीड़ कैपिटल के पास फर्स्ट स्ट्रीट पर एकत्रित होना शुरू हो गई थी और यह घटना श्री ट्रंप के भाषण से 45 मिनट पहले की है। श्री ट्रंप के भाषण से पहले ही उपद्रवी कैपिटल हिल से केवल एक मील दूर एकत्रित होना शुरू हो गए थे। क्या आप लोगों ने प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों द्वारा प्रस्तुतीकरण के दौरान इन तथ्यों को नहीं देखा?”
गौरतलब है कि श्री ट्रंप के समर्थकों ने छह जनवरी को वाशिंगटन में कांग्रेस बिल्डिंग कैपिटल हिल पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यह हिंसक घटना उनके द्वारा व्हाइट हाउस के पास हजारों समर्थकों को संबोधित किये जाने के बाद हुई थ। प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में दो महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गयी थी जबकि पुलिस ने इस सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है।