राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के पहले ही दिन जारी एक विवादास्पद कार्यकारी आदेश ने यहाँ के संविधान के 14वें संशोधन को सवालों के घेरे में ला दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि अमरीका में जन्मे लाखों बच्चों को नागरिकता से वंचित किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, सरकार अमरीका में पैदा हुए अवैध लोगों के बच्चों के लिए स्वचालित जन्मसिद्ध नागरिकता को मान्यता नहीं देगी। ट्रंप ने देश की बर्थराइट पॉलिसी की इससे पहले भी आलोचना की थी और इस नीति को अवैध इमिग्रेशन का प्रोत्साहन बताया था।
ट्रंप के इस आदेश के तहत अमरीका में जन्म लेने वाले बच्चों के नागरिकता अधिकार को सीमित करने की कोशिश की गई है। यह आदेश अमरीकी संविधान के खिलाफ होने के अलावा लाखों अप्रवासी परिवारों के लिए नई समस्याएं पैदा कर सकता है, इनमे सबसे बड़ा संकट उन परिवारों के सामने हैं जहाँ गर्भवती महिलाऐं हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका में 54 लाख भारतीय रहते हैं। अमरीकी जनगणना ब्यूरो के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024 तक अमरीका में रहने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या 5.4 मिलियन से अधिक है, जो अमरीकी आबादी का 1.47 प्रतिशत है।
इस आदेश के बाद कई राज्य सरकारों और नागरिक अधिकार संगठनों के अलावा गर्भवती महिलाओं ने अदालत का रुख किया है। ट्रंप द्वारा जारी यह आदेश 14वें संशोधन के विपरीत है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहता है- “अमरीका में जन्म लेने वाले सभी लोग अमरीकी नागरिक होते हैं।” चाहे उनके माता-पिता की नागरिकता की स्थिति कुछ भी हो।
राष्ट्रपति का यह ऑर्डर अमरीका नागरिकता के अर्थ और मूल्य की रक्षा (Protecting The Meaning And Value Of American Citizenship) करना के नाम से जारी किया गया है। ऐसे ट्रंप का यह आदेश न केवल अप्रवासी परिवारों के लिए चुनौती है, बल्कि यह अमरीकी संविधान और उसके नागरिक अधिकारों को भी प्रभावित करता है।
गौरतलब है कि यह संशोधन 1868 में अमरीकी गृहयुद्ध के बाद विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए पास किया गया था कि कोई भी अमरीकी नागरिक, चाहे वह रंग, जाति, धर्म या पृष्ठभूमि से हो, अपनी नागरिकता से वंचित न हो।
इसके बाद अमरीकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी 1898 में इस सिद्धांत को स्पष्ट किया था कि अमरीका में जन्मे बच्चे यहाँ के नागरिक होते हैं, भले ही उनके माता-पिता अप्रवासी हों।
ऐसे में ट्रंप का यह आदेश अमरीका के संविधान की उस धारा के खिलाफ है, जो यहाँ जन्मे बच्चों को नागरिकता देने का अधिकार देती है।
ट्रंप के इस आदेश को चुनौती देने वालों में गर्भवती महिलाओं ने बड़ा विरोध दर्ज कराया है। इस आदेश के खिलाफ 22 अमरीकी राज्यों के अटॉर्नी जनरल सहित कई नागरिक अधिकार संगठनों ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है।
इस आदेश को संविधान के खिलाफ बताते हुए इन संगठनों का आरोप है कि यह अमरीका में जन्मे लाखों बच्चों को नागरिकता से वंचित करेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका में 54 लाख भारतीय रहते हैं। अमरीकी जनगणना ब्यूरो के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024 तक अमरीका में रहने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या 5.4 मिलियन से अधिक है, जो अमरीकी आबादी का 1.47 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि कांग्रेस की लॉ लाइब्रेरी की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया भर में 30 से अधिक देश जन्म के आधार पर नागरिकता देते हैं। अमरीका ऐसा करने वाला अकेला देश नहीं है।