नई दिल्ली : पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की मौजूदा प्रकिया खत्म होने के बाद केन्द्र सरकार संभवत: ‘ट्रिपल तलाक’ प्रतिबंधित करने के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है. यह संकेत देते हुए केंद्रीय विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सपा, कांग्रेस और बसपा को इस विवादित मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा.Triple talaq
इस बात पर जोर देते हुए कि यह मुद्दा किसी धर्म या आस्था से नहीं बल्कि महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है,
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘हम आस्था का सम्मान करते हैं. लेकिन उपासना पद्घति और कुप्रथा साथ-साथ नहीं चल सकते.’
उन्होंने कहा कि एक साथ तीन बार तलाक बोलने की यह कुप्रथा महिलाओं से उनका सम्मान छीन लेती है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र इस कुप्रथा को समाप्त करने को प्रतिबद्ध है. गाजियाबाद में शनिवार की शाम एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा था,
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सरकार तीन तलाक़ प्रतिबंधित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है.’ उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों में चल रही विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया 11 मार्च को परिणाम आने के साथ समाप्त होगी.
महिलाओं की जिंदगी और सम्मान को चोट पहुंचाने वाली इस प्रथा को बंद किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की तरफ से इसपर केंद्र सरकार का रख पूछा गया था कि जिस पर हमारी तरफ से तीन आधार बनाकर जवाब दिया गया है. न्याय, समानता और महिलाओं का सम्मान.
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम एकमात्र पार्टी हैं जो महिलाओं का सम्मान करती है. अन्य दल न तो महिलाओं को अच्छी जगह देते हैं, और न ही उनका सम्मान करते हैं’. लखनउ में इसी मुद्दे को लेकर अपने वार पैने करते हुए प्रसाद ने कहा ‘मैं कहता हूं कि अखिलेश, राहुल और मायावती जी तीन तलाक के मुद्दे पर अपने रख स्पष्ट करें.’