अमरीका के नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक पेसमेकर विकसित किया है जो आकार में चावल के दाने से भी छोटा है। इसका उपयोग दिल की धड़कन को सामान्य करने के लिए किया जा सकता है।
यह पेसमेकर शरीर के लिक्विड से चार्ज होता है और इसे टेंपरेरी कंडीशन के लिए बनाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह डिवाइस एक पहनने वाली डिवाइस से कनेक्ट की जाती है, जो अनियमित दिल की धड़कन का पता लगाती है।
पेसमेकर एक ऐसी छोटी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसे दिल की एरिथमिया (अनियमित धड़कनो) को नियंत्रित करने के लिए ट्रांसप्लांट किया जाता है। जब दिल बहुत धीरे या बहुत तेज धड़कता है, तब पेसमेकर उसे नियंत्रित करके हृदय को सामान्य गति में लाता है।
अभी तक पारंपरिक पेसमेकर जनरल एनेस्थीसिया देकर सर्जरी करके मरीज़ के शरीर में लगाए जाते हैं। हाल के वर्षों में लीडलेस पेसमेकर तकनीकें भी विकसित हुई है जिसमे कैथेटर से सीधे हृदय में इसे डाला जाती हैं। लेकिन यह तकनीन इन तमाम विधियों से आगे है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस आधुनिक पेसमेकर की खास बात यह है कि इसे शरीर में डालने के लिए किसी बड़ी सर्जरी की जरूरत नहीं होगी, बल्कि इसे सिर्फ एक सिरिंज के जरिए इंजेक्ट किया जा सकेगा। यह पेसमेकर अनियमित हृदयगति को तुरंत नियंत्रित करके मरीज की जान बचा सकता है।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों का कहना है कि यह पेसमेकर प्राकृतिक और शरीर के अनुकूल सामग्रियों से बना है, जिसका एक और बड़ा फायदा यह है कि अगर शरीर को इसकी जरूरत नहीं रह जाती तो यह धीरे-धीरे शरीर में घुल जाएगा और इसे निकालने के लिए दूसरे ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक हृदय रोगियों के उपचार में एक बड़ी सफलता साबित हो सकती है और उम्मीद है कि यह पेसमेकर जल्द ही व्यापक रूप से उपलब्ध हो जाएगा।