पहली जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। इन्हें औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 में देश में पिछले 150 वर्षों से चले आ रहे तीन बुनियादी आपराधिक क़ानूनों में बड़े पैमाने पर बदलाव किए थे। सरकार के मुताबिक़ ये क़ानून ब्रिटिश हुकूमत के दौर के हैं और इन्हें भारतीयों पर शासन करने के लिए बनाया गया था।
आपराधिक कानूनों की विषय-वस्तु शामिल करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है। ज्ञापन के अनुसार, तीन नए आपराधिक कानून-भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 25 दिसंबर, 2023 को अधिसूचित किए गए थे।
तीनों नए कानून भारतीय दंड संहिता, कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर तथा इंडियन एविडेंस एक्ट का स्थान लेंगे।
नए कानूनों के बदलावों की जानकारी के लिए ई-पाठ्यक्रमों का भी उपयोग किये जाने की उम्मीद है। ये कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध है। ज्ञापन के अनुसार, केंद्र सरकार के विभाग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की सहायता ले सकते हैं।
शुक्रवार को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने एक नोटिस के माध्यम से इसकी सूचना दी। डिपार्टमेंट ने विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों से इन नए कानूनों की सामग्री को अपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करने का भी अनुरोध किया है।