गाजा में तत्काल युद्धविराम की बात कहते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा है कि निर्दोष लोगों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं।
सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता और महिला शिक्षा के लिए संघर्ष करने वाली मलाला यूसुफजई ने गाजा में तत्काल युद्धविराम की अपील की है। इस बात पर जोर देते हुए कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं है, उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की है। हथियारों के लिए उनका आह्वान हिंसा को समाप्त करने और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।
जियो न्यूज के कार्यक्रम आज शाहजेब खानजादा पर बोलते हुए मलाला यूसुफजई ने दुनिया के लोगों से अपील की कि वे गाजा में युद्धविराम के लिए अपने-अपने देशों की सरकारों पर दबाव डालें।
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि अभी तक सीजफायर को लेकर दबाव नहीं बढ़ाया जा रहा है, अपने बयान में मलाला ने आगे कहा कि युद्ध अपराधों में शामिल देश की जवाबदेही तय करना जरूरी है।
Nobel Peace Prize winner Malala Yousafzai has called for an immediate ceasefire in Gaza and compared the treatment of women and girls in Afghanistan to apartheid-era South Africa, in an interview after delivering the annual Nelson Mandela lecture https://t.co/iCBtX9p5gK pic.twitter.com/EkjRr4VWkk
— Reuters (@Reuters) December 6, 2023
मलाला यूसुफजई की याचिका ऐसे समय में आई है जब वह अफगानिस्तान में लैंगिक रंगभेद के बारे में मुखर रही हैं, जिसे तालिबान ने दो साल पहले नियंत्रण में लेने के बाद से लागू किया है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में काले दिनों को समाप्त करने के लिए त्वरित और सामूहिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
इज़राइल-हमास युद्ध में युद्धविराम के लिए उनका आह्वान घिरे गाजा में बच्चों और महिलाओं को होने वाले गंभीर नुकसान का एहसास कराता है।
अफगान शरणार्थियों के बारे में बात करते हुए मलाला यूसुफजई ने कहा कि जबरन बेदखली एक क्रूर कदम है, पाकिस्तानी अधिकारियों को फैसला वापस लेना चाहिए।