प्रदूषण को रोकने के लिए कई राज्यों ने इस बार दिवाली में आतिशबाज़ी से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि कुछ जगह सिर्फ ग्रीन पटाखों को जलाने के लिए ही इजाज़त दी गई है।
ग्रीन पटाखों में कार्बन सहित एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और का प्रयोग नहीं किया जाता है। इनमें खतरनाक रसायनों की मात्रा काफी कम होने से प्रदूषण कम होता है। छोटे आकर वाले इन पटाखों में आवाज भी 110 से 125 डेसिबल तक होती है जबकि नॉर्मल पटाखों से 160 डेसिबल तक ध्वनि प्रदूषण होता है। वातावरण को अनुकूल बनाये रखने के लिए सरकार द्वारा रजिस्टर्ड दुकान से अथवा ऑनलाइन खरीदारी की जा सकती है।
आइये जानते हैं कि देश में आतिशबाज़ी को लेकर अलग अलग राज्यों में क्या नियम हैं-
दिल्ली, हरियाणा और ओडिसा
दिल्ली के अलावा हरियाणा और ओडिसा की प्रदेश सरकार ने आतिशबाज़ी पर रोक लगा रखी है। चंडीगढ़ यूटी प्रशासन द्वारा लगातार दूसरे साल भी आतिशबाज़ी पर पाबन्दी है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर तत्काल पाबन्दी लगा राखी है। यह फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के आदेश के बाद सामने आया।
पश्चिम बंगाल
उच्च न्यायालय के आदेश से कलकत्ता में त्योहार के दौरान क्यूआर कोड वाले हरे पटाखों के अलावा कोई भी आतिशबाजी पश्चिम बंगाल में प्रतिबंधित है। राज्य सरकार द्वारा 24 अक्टूबर को काली पूजा के समय केवल ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी है।
पंजाब
पंजाब सरकार ने 24 अक्टूबर को दिवाली पर आतिशबाज़ी के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे तक का समय दिया है। दिवाली के अलावा, गुरु नानक देव के ‘प्रकाश पर्व’ पर 8 नवंबर भी को सुबह 4 बजे से सुबह 5 बजे तक और रात 9 से 10 बजे तक अनुमति है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु सरकार ने पूरी तरह से तो आतिशबाज़ी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है मगर दिवाली पर निश्चित समय पर पटाखे फोड़ने की मंजूरी दी है। यहाँ दिन में केवल दो बार 1 घंटे तक सीमित समय के लिए आतिशबाज़ी की इजाज़त है। सुबह छह बजे से सात बजे के बीच और शाम सात बजे से आठ बजे के बीच आतिशबाज़ी की जा सकती है। साथ ही अस्पताल, स्कूल, अदालत आदि जैसी शांत जगहों पर भी आतिशबाज़ी की इजाज़त नहीं है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 4 नवंबर 2020 को कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ 18 राज्यों को पटाखों पर रोक लगाने के लिए नोटिस जारी किया है.