वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने टीबी जैसी खतरनाक संक्रामक बीमारी को समाप्त करने के प्रयासों में तेजी लाने के मक़सद से इसके लिए एक नए परीक्षण की बात की है।
डब्ल्यूएचओ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि टीबी का सटीक और प्रारम्भिक स्तर पर ही पता लगाना एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता बनी हुई है।
संयुक्त राष्ट्र से मिली जानकारी के मुताबिक़, इस परीक्षण को एक्सपर्ट एमटीबी/आरआईएफ अल्ट्रा ( Xpert MTB/RIF Ultra) कहा जाता है। यह टीबी रोगाणु की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जेनेटिक मार्कर के साथ मॉलिक्यूल की पड़ताल भी करता है।
दुनिया के प्रमुख संक्रामक जानलेवा बीमारियों में से एक तपेदिक भी है। यह बीमारी हर साल दस लाख से ज़्यादा लोगों की जान लेती है और लाखों लोगों को प्रभावित करती है।
गौरतलब है कि टीबी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया इस बीमारी से संक्रमित लोगों की लार में पाए जाते हैं। यह नया परीक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्य किया जाने वाला पहला परीक्षण है और इसने “पूर्व-योग्यता स्थिति” (“pre-qualification status) हासिल कर ली है, जिसका अर्थ है कि परीक्षण ने कठोर परीक्षण मानकों को पार कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि यह टैस्ट दरअसल उन मरीज़ों के लिए है जो जाँच में फुफ्फुसीय तपेदिक (pulmonary tuberculosis) से संक्रमित पाए जाते हैं और जिन्होंने या तो तपेदिक निरोधक उपचार शुरू नहीं किया है या पिछले छह महीनों में तीन दिनों से कम चिकित्सा प्राप्त की है।
परिक्षण से मिलने वाले परिणाम डॉक्टरों द्वारा रोगियों को वैकल्पिक, “दूसरी पंक्ति” उपचार प्रदान करने में मदद करेगा। हालांकि अभी इनकी कीमत कुछ ज़्यादा है, जिनमे Bedaquiline और Fluoroquinolones प्रमुख हैं।
इस बीमारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ इस समय गुणवत्ता-आश्वासन वाली परीक्षण तकनीक तक पहुँच बढ़ाने के प्रयास में, सात अतिरिक्त टीबी परीक्षणों का मूल्यांकन कर रहा है।
दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों तक पहुंच के लिए डब्ल्यूएचओ के सहायक महानिदेशक डॉक्टर युकिको नाकाटानी ने बताया कि तपेदिक के लिए नैदानिक परीक्षण की यह पहली पूर्व-योग्यता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।