सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण की समस्या पर नाराजगी जताई है। अदातल के रुख को देखते हुए अब केंद्र ने भी पराली की समस्या के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। बुधवार को दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का स्तर 352 एक्यूआई रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में है।
पूरे देश में गंभीर हो रही प्रदुषण की समस्या पर केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। अब पांच एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दिया गया है।
पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त क़दम उठाते हुए केंद्र सरकार के ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में ‘एनवायरमेंटल कंपेंसेशन फॉर स्टबल बर्निंग संशोधन कानून’ के प्रावधानों को लागू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर दोगुनी कर दी है।अब पांच एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।
इस कानून के तहत पराली जलाने पर जुर्माना और फंड के इस्तेमाल के प्रावधान बताए गए हैं। कानून के मुताबिक़, जिन किसानों के पास दो एकड़ से कम जमीन है, उन्हें पराली जलाने पर पर्यावरणीय जुर्माने के रूप में पांच हजार रुपये अदा करने होंगे।
दो से पांच एकड़ जमीन रखने वाले किसान अगर पराली जलाते पाए जाते हैं तो उन पर जुर्माना 10 हजार रुपये होगा। पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को पराली जलाने पर 30 हजार रुपये का जुर्माना अदा करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने में विफल रहने के कारण पंजाब और हरियाणा की सरकारों की आलोचना की थी। साथ ही कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाएं लगातार होने के चलते वायु गुणवत्ता आयोग को पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। आदेश के उल्लंघनकर्ताओं पर पीठ ने मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह की समय सीमा तय की है।