न्यूयॉर्क में किया गया एक अध्ययन बताता है कि अमरीका में टैटू बनवाने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोग अनजाने में उन रसायनों के संपर्क में आते हैं जो उनके अंगों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं।
एनालिटिकल केमिस्ट्री जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने नौ स्थानीय अमरीकी कंपनियों से टैटू बनाने वाले इस रंग के नमूने प्राप्त किए। न्यूयॉर्क से प्राप्त 54 इंक के नमूनों में ऐसे 45 यौगिक पाये गये जो लेबल पर मौजूद विवरण में दर्ज नहीं थे।
सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग एक तिहाई अमरीकियों के शरीर पर टैटू हैं, और 30 से 49 वर्ष की आयु के आधे लोगों के शरीर पर टैटू हैं।
इन यौगिकों में सबसे आम पॉलीथीन ग्लाइकोल था, जो अंग को नुकसान पहुँचाने के लिए जाना जाता है। इससे होने वाली जटिलताओं में गुर्दे की कोशिकाओं की मृत्यु शामिल है।अन्य रसायनों में 2-फेनोक्सीएथेनॉल शामिल है, जिसे बच्चों में तंत्रिका संबंधी विकारों से जोड़ा गया है।
Study Uncovers Hidden Ingredients in 83% of Tattoo Inks, Raising Concerns https://t.co/Ma9yyulao3
— ScienceAlert (@ScienceAlert) February 28, 2024
फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) आने वाले महीनों में टैटू के लिए उपयोग की जाने वाली इंक के संबंध में नियम लागू करने की तैयारी कर रहा है। टैटू में दूषित सामग्री के कारण होने वाली बीमारियों की कई रिपोर्टों के बाद सांसदों ने इस नीति को अपनाने का फैसला किया।
एजेंसी को अब तक इस मामले पर टिप्पणियाँ मिल चुकी हैं और एजेंसी अब इन वस्तुओं को नियमों में लाने की तैयारी कर रही है।