अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ याचिकाओं संविधान पीठ में जुलाई में सुनवाई हो सकती है। 370 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सीजेआई एनवी रमना जुलाई में पांच जजों के संविधान का गठन करने का प्रयास करेंगे। वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े की ओर से इस सम्बन्ध में पहले अगले हफ्ते सुनवाई की मांग की थी लेकिन बाद में कहा कि इसे गर्मियों की छुट्टियों के बाद सुना जा सकता है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर नई परिसीमन प्रक्रिया का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर परिसीमन प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। याचिका के द्वारा परिसीमन अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की गई है। ये याचिका जम्मू-कश्मीर निवासियों द्वारा दाखिल की गई है। याचिका में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में परिसीमन करने के लिए परिसीमन आयोग के गठन की अधिसूचना को असंवैधानिक बताया गया है। इसे वर्गीकरण के बराबर और समानता के अधिकार का उल्लंघन भी बताया गया है। केंद्र पर उन शक्तियों को हड़पने का आरोप है जो मूल रूप से भारत के चुनाव आयोग के पास हैं।
याचिका जम्मू-कश्मीर के निवासी हाजी अब्दुल गनी खान और डॉ मोहम्मद अयूब मट्टू द्वारा दायर की गई है। इस याचिका के में केंद्र सरकार की तरफ से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का विरोध किया गया है।इसे अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया गया है।