सूडान की राजधानी खार्तूम में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच दूसरे दिन भी संघर्ष जारी है। यह लड़ाई देश के सैन्य नेतृत्व के भीतर एक शक्ति संघर्ष का हिस्सा है, जो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच हिंसा में बढ़ गई है।
समाचार एजेंसी के अनुसार, झड़पों में कम से कम 97 नागरिक मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं। इस संघर्ष में सूडान की राजधानी खार्तूम में गोली लगने से एक भारतीय की जान चली गई है। केंद्र सरकार की ओर से जान गंवाने वाले भारतीय नागरिक के परिवार को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, सूडानी सेना मानवीय आपात स्थितियों के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने पर सहमत हो गई है।
सूडानी सेना ने संयुक्त राष्ट्र की सिफारिश पर आपातकालीन सुरक्षित मार्ग के लिए सहमति व्यक्त की और कहा कि मानवीय आपातकालीन सुरक्षित मार्ग प्रतिदिन 3 घंटे के लिए खोला जाएगा।
डॉक्टरों ने खार्तूम के अस्पतालों में हालात बेहद कठिन होने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह लड़ाई कर्मचारियों और चिकित्सा आपूर्ति दोनों को घायल लोगों तक पहुंचने से रोक रही है।
'सूडान की राजधानी खार्तूम में गोली लगने से जान गंवाने वाले भारतीय नागरिक के परिवार को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी.' -केंद्र सरकार#Sudan #SudanViolencehttps://t.co/zokX5tHPAW
— ABP News (@ABPNews) April 17, 2023
सूडानी सेना ने स्पष्ट स्थिति अपनाई कि मिलिशिया द्वारा उल्लंघन के मामले में विद्रोहियों को जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है। इस संघर्ष के केंद्र में दो व्यक्ति इस बात पर असहमत हैं कि देश को नागरिक शासन में कैसे परिवर्तन करना चाहिए। साल 2019 में लंबे समय से सत्ता में रहे राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का तख्तापलट करने के बाद से सूडान को सेना के जनरलों द्वारा चलाया जा रहा है।
अर्धसैनिक बलों ने सूडानी सेना के खिलाफ कल विद्रोह किया, जिसने 2021 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
गौरतलब है कि खार्तूम में सत्ता के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच 2 साल से संघर्ष चल रहा है।