लंदन: एक अध्ययन से पता चला है कि जो बच्चे सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताते हैं, उनमें वेप और धूम्रपान की लत लगने की संभावना अधिक होती है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन में किए गए शोध के अनुसार, जो बच्चे और युवा दिन में सात घंटे से अधिक समय तक सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, उनमें सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करने वालों की तुलना में सिगरेट पीने की संभावना आठ गुना और वेपिंग की संभावना चार गुना अधिक होती है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन कंपनियों के पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, उनमें युवा लोगों के बीच धूम्रपान और वेपिंग के प्रति धारणा को बदलने की क्षमता है।
जो लोग सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते, उनमें 2 % धूम्रपान करने वाले थे, जबकि सात या उससे अधिक घंटे तक इसका इस्तेमाल करने वालों में 15.7 % लोग इसके आदी पाए गए।
2015 और 2021 के बीच यूके में आयोजित हाउसहोल्ड लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी ने 10 से 25 वर्ष की आयु के बीच 10,808 लोगों के डेटा की जांच की, जिसके परिणाम थोरैक्स पत्रिका (thorax journal) में प्रकाशित हुए।
पड़ताल के मुताबिक़ कुल मिलाकर, 8.5 प्रतिशत से थोड़ा अधिक धूम्रपान करते हुए पाए गए जबकि 2.5 प्रतिशत वेपिंग करते हुए पाए गए। एक प्रतिशत से अधिक लोगों में दोनों आदतें पाई गईं।
अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने कहा कि वे सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते, उनमें से 2 प्रतिशत धूम्रपान करने वाले थे, जबकि दिन में एक से तीन घंटे सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों की संख्या 9.2 प्रतिशत थी।
चार से छह घंटे तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों में यह दर बढ़कर 12.2 प्रतिशत हो गई, जबकि सात या उससे अधिक घंटे तक इसका इस्तेमाल करने वालों में 15.7 प्रतिशत लोग इसके आदी पाए गए।
वहीं जो लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करते थे, उनमें वेपिंग की दर 0.8 प्रतिशत देखी गई, जबकि जो लोग दिन में एक से तीन घंटे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते थे, उनमें यह दर 2.4 प्रतिशत थी।
चार से छह घंटे तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों में यह दर बढ़कर 3.8 प्रतिशत हो गई, जबकि सात या उससे अधिक घंटे तक इसका इस्तेमाल करने वालों में से चार प्रतिशत इसके आदी पाए गए।