नई दिल्ली: प्रख्यात अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव एच हांक ने उच्च राशि की मुद्रा के चलन से बाहर करने के फैसले की आलोचना की है. stive hawnk
उन्होंने कहा कि नोटबंदी ‘हारने वालों’ के लिए है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं जानते कि आखिर देश कहां जा रहा है.
मराईलैंड के बाल्टीमोर स्थित जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री हांक ने ट्विटर पर लिखा है, ‘नोटबंदी हारने वालों के लिए और इसे शुरू से ही गलत तरीके से लागू किया गया.
‘ वाशिंगटन में कातो संस्थान में ‘ट्रबल्ड करेंसी प्रोजेक्ट’ के वरिष्ठ फेलो और निदेशक हांक ने इससे पहले कहा था, ‘भारत के पास मोदी की नोटबंदी को स्वीकार करने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधा नहीं है, उन्हें यह पता होना चाहिए.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी. इसे कालाधन, नकली मुद्रा और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करार दिया गया है.
हालांकि नोटबंदी को लेकर आई दिक्कतों को सरकार ने भी स्वीकार किया और कहा कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई में लोग परेशानी उठाकर भी हमारे साथ हैं.
वहीं विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है. विपक्ष का कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि मजदूरों और किसानों को नोटबंदी ने बर्बाद करके रख दिया. दिहाड़ी मजदूरों को वापस अपने घर लौटना पड़ा क्योंकि दिहाड़ी मजदूरों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा.