नई दिल्ली। नेपाल और भूटान से लगी देश की सीमा की सुरक्षा संभाल रहे सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने 9,000 से अधिक असॉल्ट राइफलें, 34 बख्तरबंद वाहन और 760 से अधिक गश्ती मोटरसाइकिलें मंजूर की हैं। अधिकारियों ने कहा कि कुछ समय पहले एसएसबी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अपने साजो सामान और वाहनों की जरूरतों से अवगत कराया था और साथ ही इनके उन्नयन की भी बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘‘मंजूर किए गए सामानों में 12 बुलेट प्रूफ वाहनों की खरीद, 15 हल्की बख्तरबंद गाड़ियां, 7 बारूदी सुरंग रोधी वाहन, माओवाद प्रभावित इलाकों में गश्त लगाने के लिए 763 मोटरसाइकिलें और 9,917 असॉल्ट राइफलें शामिल हैं।’’ इन सामानों की खरीद जल्द ही की जाएगी। SSB
गौरतलब है कि देश में सेना सहित पुलिस के पास भी हथियारों की कमी है। इसके चलते कई बार रिपोर्ट दी गई हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। पिछले दिनों आई एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को मेकेनाइज्ड बंदूकें और स्मोक ग्रेनेड्स इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। आम पुलिस यूनिफॉर्म में कहीं भी बुलेटप्रूफ जैकेटों का जिक्र नहीं है। ज्यादातर पुलिसकर्मियों के पास पुराने हथियार हैं, जो कि कभी मिसफायर करते हैं, तो कभी फायर ही नहीं करते। कांस्टेबल्स के पास दोनाली बंदूक होती है जो कभी भी धोखा दे सकती है। अधिकारियों को एक सर्विस पिस्टल मुहैया कराई जाती है। लेकिन पुलिस की सामान्य वर्दी में आत्मरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार सुडान में तैनात भारत के 2,200 फौजियों में से ज्यादातर से पास बुलेटप्रूफ जैकेट और बुलेटप्रूफ हेलमेट नहीं हैं। मार्च में तकरीबन पचास हजार जैकेट का आर्डर दिया गया था जबकि इनकी मांग 2009 में की गई थी। अब के हिसाब से 1,86,138 जैकेट चाहिए होंगी जिससे 2017 तक की कमी पूरी हो सके।