योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में नाम बदलने का चलन अब और ज़ोर पकड़ता नज़र आ रहा है। इसी क्रम में यूपी की राजधानी लखनऊ को लक्ष्मणपुरी किए जाने की मांग सामने आई है। यह मांग हिंदू आर्मी चीफ के सुशील तिवारी की ओर से की गई है।
इतना ही नहीं हिंदू आर्मी ने इमामबाड़ा को ‘मत्स्य भवन’ और रूमी दरवाजा को ‘राम द्वार’ करने की भी मांग की है। हिंदू आर्मी ने मुख्यमंत्री योगी को एक पात्र के माध्यम से ये मांग राखी है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार इलाहाबाद को प्रयागराज, फैजाबाद को अयोध्या, मुगलसराय का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय और मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम कर चुकी है।
लखनऊ नहीं ‘लक्ष्मणपुरी’, इमामबाड़ा नहीं ‘मत्स्य भवन’ और रूमी दरवाजा नहीं ‘राम द्वार’ हैं सही नाम जिसके लिए योगी आदित्यनाथ को लिखा गया है पत्र
हिंदू आर्मी चीफ सुशील तिवारीके मुताबिक़ लखनऊ नवाबों की नगरी नहीं बल्कि लक्ष्मण जी का नगर है। भगवान राम उपहार स्वरुप इसे लक्ष्मण जी को दिया था। इन नामों को मुगलकाल में बदला गया। इस्लाम को मानने वालों ने मंदिर को इमामबाड़ा बना दिया जो पहले मत्सय भवन था औऱ ‘राम द्वार’ रूमी दरवाजा हो गया।
सुशील तिवारी का कहना है कि अयोध्या में आप राजा दशरथ के महल में बनी वैसी ही मछली देख सकते हैं जैसी मछलियां इमामबाड़े में बनी है। उनके मुताबिक़ इस्लामिक इमारतों में मछली का कहीं इस्तेमाल नहीं होता है। रूमी दरवाजे के बारे में सुशील तिवारी का कहना है कि यह मंदिरनुमा है जिसे मुगलों ने फेरबदल कर अपना बना लिया। मौजूदा समय में इमामबाड़े पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। हिंदू आर्मी जल्द ही इमामबाड़े की जांच की मांग करेगी।
सुशील तिवारी का कहना है कि जिसे हम लखनऊ के नाम से पुकारते हैं दरअसल वह त्रेतायुग में लक्ष्मणपुरी, लक्ष्मणपुर या लक्ष्मणवती था। इसकी इस्थापना भगवान श्री राम के अनुज लक्ष्मण जी ने की थी। श्री राम की अयोध्या यहां से मात्र 80 मील दूर पर स्थित है। नगर के पुराने भाग में एक ऊंचा ढूह है, जिसे आज भी ‘लक्ष्मण टीला’ कहा जाता है। यह प्राचीन कोसल राज्य का हिस्सा था। यह भगवान राम की विरासत थी, जिसे उन्होंने उपने छोटे भाई लक्ष्मण को समर्पित किया था।