किसान आंदोलन के दौरान एक बार फिर हरियाणा-पंजाब सीमा पर पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले और मिर्ची स्प्रे का प्रयोग करना पड़ा। इस मुठभेड़ में 15 किसान घायल हो गए।
एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर पंजाब के किसान दिल्ली कूच के लिए निकले थे मगर उन्हें हरियाणा की सीमा में दाखिल नहीं होने दिया गया।
हालाँकि किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं मगर केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें कोई न्योता नहीं मिला। किसान नेता सरवन सिंह पंडेर ने कहा कल 12:00 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा।
हरियाणा की नायब सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने किसानों के पैदल कूच को रोकने के बड़ी कार्यवाई की। ख़बरों के मुताबिक़ किसानों पर पैलेट गन का प्रयोग किया गया, आंसू गैस के गोले दागे गए।
शंभू बार्डर पर किसानों पर दागे जाने वाले आंसू गैस के गोलों के कारण यहाँ के माहौल में धुंध देखने को मिली। किसानों की आंखों में मिर्च स्प्रे का असर भी नज़र आया। इन हालत में कई किसानॉन को दम घुटने की समस्या हुई। इस ज़ख़्मी किसानों को एंबुलेंस में डालकर ले जाया गया।
किसानों और पुलिस के बीच ये हालात करीब ढाई घंटे बने रहे। इसमें 26 वर्षीय किसान हरप्रीत सिंह की हालत नाज़ुक है। वहीँ हरियाणा पुलिस के छह जवानों के ज़ख़्मी होने की भी खबर मिली है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि किसानों के साथ होने वाले इस जबर से केंद्र सरकार झूठी साबित हो गई है। उनके मुताबिक़, अगर केंद्र सरकार बातचीत का न्यौता देती है, तो मांगों को हल करने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान जत्थेबंदियों के दरवाजे अब भी बातचीत के लिए खुले हैं।
इसे एहतियात के तौर पर उठाया गया कदम बताते हुए गृह सचिव सुमिता मिश्रा का कहना है कि तनाव औरआंदोलन से सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नुकसान होता है और सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका होती है। ऐसे में उन्होंने हरियाणा में पंजाब से सटे बाकी बॉर्डरों पर भी सुरक्षा बढ़ाने की बात कही।