नई दिल्ली : एनडीए में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने राम मंदिर को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। साथ ही बीजेपी को इस मुद्दे पर चेतावनी दी है।
शिवेसना ने मंगलवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनता है तो भाजपा को झूठी कहा जाएगा और जनता उसे अगले चुनावों में बेदखल कर देगी। शिवसेना ने कहा कि भगवान राम तो बीजेपी के लिए अच्छे दिन ले आए लेकिन बीजेपी अयोध्या राम मंदिर के निर्माण का अपना वादा पूरा करने में विफल रही।
शिवसेना ने संसद में बहुमत होने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के लिए अच्छे दिन लाने के बावजूद राम अभी तक वनवास में हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामने में लिखा कि बीजेपी केंद्र और कई राज्यों में सत्ता में आसीन हैं और वह आसानी से राम मंदिर का निर्माण कर सकती है। लेकिन वह अपने वादे को भूल गई है। अगर वो चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण नहीं करती है तो जनता उसे सबक सिखाएगी।
सामना में शिवसेना ने लिखा कि राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने हाल ही में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल जय श्री राम के नारे लगा देते हैं लेकिन मंदिर निर्माण के लिए एक शब्द भी नहीं कहते हैं। संपादकीय में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के दौरान ऐसा लग रहा था कि अगर भाजपा चुनाव जीत जाती है तो वह आसानी से मंदिर का निर्माण करा सकती है। लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने इसके लिए आवाज उठाने वालों को ही परेशान करना शुरू कर दिया।
संपादकीय में कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास को पुलिस ने उठा लिया और स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दे कर अस्पताल में भर्ती करा दिया। इसमें आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा गया है, राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन कर रहे हिन्दू कार्यकर्ताओं को लेकर भाजपा कब से चिंतित होने लगी है? भाजपा अब राम भक्तों को जेल में डालने पर उतर आई है। जनता भाजपा के इस कदम का चुनावों में जोरदार जवाब देगी।
शिवसेना ने कहा कि भाजपा यह कहकर दिखावा कर रही है कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरु होगा। हम भाजपा को याद दिलाना चाहते हैं कि देश भर में मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन अदालत से आदेश के बाद नहीं शुरु हुए थे। जब भाजपा तीन तलाक और एससी एसटी एक्ट को लेकर अध्यादेश ला सकती है। तो राम मंदिर के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकती।