शोधकर्ताओं ने हाल ही में मिस्र के पिरामिडों के नीचे 6,500 फीट से अधिक गहराई में फैले एक विशाल भूमिगत शहर की खोज की है। इस शोध पर कुछ विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता व्यक्त की हैं।
इटली और स्कॉटलैंड के शोधकर्ताओं का यह दावा एक ऐसे अध्ययन से आया है जिसमें मिस्र के पिरामिडों के नीचे जमीन के अंदर हाई -रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें बनाने के लिए रडार का इस्तेमाल किया गया था।
द सन के अनुसार, 15 मार्च को एक प्रेस ब्रीफिंग में परियोजना के प्रवक्ता निकोल सिकोलो ने कहा- “इस अभूतपूर्व अध्ययन ने उपग्रह डेटा विश्लेषण और पुरातात्विक अन्वेषण की सीमाओं को फिर से परिभाषित किया है।”
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने खाफरे पिरामिड के नीचे सर्पिल सीढ़ियों से घिरे आठ ऊर्ध्वाधर सिलेंडर (vertical cylindrical structures) के आकार के कुओं की खोज की है, जिन्हें शाफ्ट के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा 4,000 फीट गहराई पर अन्य अज्ञात संरचनाएं (unknown structures) मिली हैं। ये शाफ्ट 6,500 फीट से अधिक चौड़े हैं और पिरामिड के नीचे 2,100 फीट से अधिक फैले हुए हैं।
खाफरे परियोजना (Khafre Project) दल ने सतह के नीचे संरचनाओं की जांच करने के लिए एक गैर-आक्रामक तकनीक सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) का उपयोग किया, जिसने पिरामिड के अंदर पाँच छोटे कमरे जैसी संरचनाओं का पता लगाने में मदद की। द न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उनमें से एक में एक ताबूत था। पत्थर का ऐसा ताबूत जिसे कभी फिरौन की कब्र माना जाता था।
हालाँकि, अन्य विशेषज्ञों ने इस शोध को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। डेनवर विश्वविद्यालय के रडार विशेषज्ञ प्रोफेसर लॉरेंस कोनयेर्स ने कहा कि जमीन में इतनी गहराई तक जाना संभव नहीं है, जिससे भूमिगत शहर का विचार एक बहुत बड़ी अतिशयोक्ति बन जाता है।
टीम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में परिणामों को “आश्चर्यजनक” बताया गया। यदि यह सच है तो इससे प्राचीन मिस्र के इतिहास पर नई रोशनी पड़ सकती है।