नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मूंदड़ा ने फंसे कर्जों की वसूली के लिए सख्ती की बात कही है. उन्होंने कहा है कि अभी इसके लिए ओवरसाइट कमेटी और बैंकों के संयुक्त फोरम (जेएलएफ) की जो व्यवस्था है, उसे मजबूत बनाया जाना चाहिए. इस पर चर्चा चल भी रही है. Rbi
मूंदड़ा ने कहा कि केंद्रीय बैंक, सरकार और बाकी पक्षों के बीच बातचीत चल रही है.
संशोधित नियम कब तक लागू होंगे, यह नहीं कहा जा सकता.
एनपीए पर रिजर्व बैंक की इसी महीने सरकार और दूसरे पक्षों से बात हुई थी. मूंदड़ा ने बताया कि कई संभावनाओं पर बात चल रही है.
एक उपाय टॉप-20 या टॉप-50 कर्जदारों के समाधान का है.
हालांकि बातचीत अभी शुरूआती चरण में है. जेएलएफ के बारे में उन्होंने कहा, ‘कई बातें महत्वपूर्ण हैं.
गौरतलब है कि देश में 41 बैंकों का कुल बैड लोन वित्त वर्ष 17 की दिसंबर तिमाही तक 7 लाख करोड़ रुपये थी. यह आंकड़ा एक साल पहले के आंकड़े से 60 फीसदी अधिक है. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान इन बैंकों का ग्रॉस एनपीए 6.74 लाख करोड़ रुपये थी.