उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मज़दूरों को रैट माइनर्स की मदद से बाहर निकाला गया था। इन रैट माइनर्स को मुख्यमंत्री धामी ने 50-50 हजार रुपए इनाम के रूप में दिए जाने का ऐलान किया था। रैट माइनर्स ने ये रक़म लेने से इंकार कर दिया है।
रैट माइनर्स ने इस सम्मान राशि को लौटाए जाने की घोषणा की है। इन लोगों का कहना है कि इस राशि से उनका कुछ भला नहीं होने वाला है। साथ ही उन्होंने यह राशि टनल में फंसे मजदूरों को देने की इच्छा ज़ाहिर की है।
उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों के कई सप्ताह से चल रहे रेस्क्यू आपरेशन को इन रैट माइनर्स ने महज़ कुछ घंटो में पूरा करते हुए कामयाबी हासिल की थी। उत्तराखंड सरकार ने प्रत्येक रैट माइनर्स को 50 हज़ाए रुपये की सम्मान धनराशि दिए जाने का ऐलान किया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 12 रैट माइनर्स को सम्मानित किया गया और उन्हे 50 हजार के चेक भी वितरित किए थे। मगर रैट माइनर्स इस बात से खुश नज़र नहीं आये। इन लोगों का कहना है कि सरकार का यह सम्मान हमारे लिए न्याय संगत नहीं है।
सिलक्यारा टनल: रैट माइनर्स ने CM धामी को लौटाए 50-50 हजार रुपये, कहा- हम आज भी गड्ढा खोद रहे कल भी खोदेंगे#UttarakhandTunnel https://t.co/Ji3BQwp5uJ
— Navjivan (@navjivanindia) December 22, 2023
रैट माइनर्स ने आगे कहा कि हम मुख्यमंत्री का सम्मान करते हैं, मगर जो सम्मान मुख्यमंत्री की तरफ से हमें दिया गया है वो न्याय संगत नहीं है।
रैट माइनर्स टीम के सदस्य वकील हसन इस बात से आहत है कि मुख्यमंत्री द्वारा किया जाने वाला सम्मान न्याय संगत नहीं है। उनका कहना है कि हमने अपनी जान को हथेली पर रखकर टनल के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकाला है। आगे वह कहते हैं कि इन 50000 रुपये से हमारा कुछ भला नहीं होने वाला है।
अपने जवाब में उन्होंने आगे कहा कि हम सब आज भी गड्ढे खोद रहे हैं। कल भी गड्ढे खोदने का ही काम करेंगे। इसलिए इस सम्मान राशि को हम उन मजदूरों को देना चाहेंगे, जो टनल के अंदर फंसे हुए थे।
रैट माइनर्स के इस बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को निशाने पर ले लिया है। इस पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी का कहना है कि जिन लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, उनके लिए यह सम्मान पर्याप्त नहीं है। आगे वह कहती हैं कि सरकार को इस पर दुबारा से विचार करना चाहिए।