लखनऊ। समाजवादी पार्टी के महासचिव और सांसद राम गोपाल यादव ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं। उनकी प्रतिक्रिया ने सपा में एक और मोर्चा खुलने का इशारा दिया। अभी तक चाचा भतीजे यानि शिवपाल अखिलेश के बीच तनातनी की बातें सामने आ रही थीं। लेकिन रामगोपाल ने अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष से हटाकर शिवपाल को कमान देने के मुलायम के फैसले पर सवाल उठाकर एक और चर्चा को हवा दे दी है। उन्होंने अमर सिंह का नाम लिए बिना करारा हमला हुए कहा कि जो समाजवादी नहीं है वह मुलायमवादी कैसे हो सकता है। पार्टी में चल रहे सियासी हलचल को शांत करने आये राम गोपाल यादव ने कहा कि अखिलेश यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना गलत था। हटाने से पहले उनसे बात की जानी चाहिए थी। बात करके इस्तीफा मांग लिया जाना चाहिए था। नेता जी का आदेश हुआ और उन्होंने तत्काल शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी। घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री से बात नहीं करना पार्टी नेतृत्व की बडी चूक थी।
राम गोपाल ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद कहा कि ” बाहरी व्यक्ति पार्टी को लगातार कमजोर करने में लगा हुआ है। उसी ने पार्टी का प्रदेश प्रभारी बनवाया जबकि पार्टी संविधान में प्रभारी का कोई पद है ही नहीं।” अमर सिंह का नाम लिए बगैर राम गोपाल ने कहा कि उसी बाहरी व्यक्ति ने ही प्रदेश अध्यक्ष बदलवाया। ‘ नेता जी’ सरल स्वभाव के हैं, उनकी सादगी का फायदा उठाकर बाहरी व्यक्ति पार्टी में लगातार हस्तक्षेप कर रहा है। ज्यादातर लोग उसे पार्टी में नहीं चाहते लेकिन नेता जी की सादगी से लोग लाचार हैं। वह बाहरी व्यक्ति पार्टी को बर्बाद करने पर अमादा है। उन्होंने कहा कि कोई बात बिगडने वाली नहीं है, मुख्यमंत्री की नेताजी से कल बात होगी, सब ठीक हो जायेगा। मुख्यमंत्री से हुई बातचीत का खुलासा करने से उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि कुछ तो गोपनीय रहने दीजिए।
मुख्यमंत्री ने भी बुधवार को अमर सिंह का नाम लिए बिना मौजूदा संकट के लिए परिवार से बाहर के व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया था। राम गोपाल यादव ने भी आज उसी बाहरी व्यक्ति को निशाने पर रखा। इससे पहले अमर सिंह कई बार कह चुके हैं कि वह समाजवादी नहीं मुलायमवादी हैं। अमर सिंह के इस जुमले को बोलकर प्रो. राम गोपाल यादव ने स्पष्ट कर दिया कि वह बाहरी व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि अमर सिंह ही हैं।