नई दिल्ली. चारधाम यात्रियों को जल्द मिलेगी रेल कनेक्टिविटी, 40 हजार करोड़ खर्च होंगे. उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा करने वालों को जल्द ही रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। रेलवे इस प्रोजेक्ट पर 40 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे इसी हफ्ते कर लिया जाएगा। किसे सौंपी गई है जिम्मेदारी…
पब्लिक सेक्टर यूनिट रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) को देहरादून और कर्ण प्रयाग के जरिए गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को रेल कनेक्टिविटी देने के लिए फाइनल सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इससे पहले RVNL ने 2014-15 जमीनी इंजीनियरिंग सर्वे किया था और अपनी रिपोर्ट अक्टूबर 2015 में सौंपी थी।
327 किलोमीटर का रेल रूट, 21 स्टेशन और 59 ब्रिज की रिकमंडेशन
2014-15 मेें हुए सर्वे में कहा गया कि चारों धामों को जोड़ने के लिए 327 किलोमीटर के रेल रूट की जरूरत पड़ेगी और इसमें 43,292 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
सर्वे के मुताबिक, रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती हिमालय की पहाड़ियों में रेल लाइन बिछाने की है।
चारों धामों के सबसे करीब पड़ने वाले रेलवे स्टेशन भी प्रपोज किए गए हैं। ये डोईवाला, ऋषिकेश और कर्णप्रयाग में बनाए जाने का प्रपोजल है।
सिंगल ब्रॉडगेज लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे का फाउंडेशन स्टोन बद्रीनाथ में 13 मई को रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु रखेंगे।
यमुना का उद्गम माना जाने वाला यमुनोत्री समुद्र तल से 3,293 मीटर, गंगोत्री 3,408, केदारनाथ 3,583 और बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊंचाई पर है।
एक सीनियर रेलवे अफसर के मुताबिक, “अभी तक यहां जाने के लिए यात्री दुर्गम रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। यहां तक रेल रूट का इंतजाम होने से यात्रियों की जर्नी सेफ और कम्फर्टेबल होगी। ऋषिकेश और कर्ण प्रयाग के बीच नई रेल लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इन रेल प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इकोनॉमिक डेवलेपमेंट होगा।”