आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। पहले वक्त के रूप में कांग्रेस की ओर से ये ज़िम्मेदारी प्रमुख विपक्षी नेता राहुल गांधी संभालेंगे। उनका कहना है कि हमारा मुद्दा सिर्फ मणिपुर है।
मोदी सरकार आज अपने दूसरे कार्यकाल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। मणिपुर हिंसा मामले पर मानसून सदन में तकरार के बाद मामला अविश्वास प्रस्ताव पर आकर ठहरा था।
कांग्रेस ने पुष्टि की है कि सत्ता के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल पार्टी की ओर से मुख्य वक्ता की भूमिका निभाएंगे।
हालाँकि यह स्पष्ट है कि संख्याबल को देखते हुए सरकार सेफ जोन में है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा चुनावी होगी। दूसरी तरफ राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी ऐसे समय में बहाल हुई है, जब संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है।
कांग्रेस के लोकसभा मुख्य सचेतक के सुरेश ने बताया कि राहुल गाँधी हमारे पहले वक्त हैं और हमारा मुद्दा सिर्फ मणिपुर है। प्रधनमंत्री की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा गया है।
विपक्ष द्वारा लगातार मांग की गई है कि प्रधानमंत्री संसद में आएं और मणिपुर की स्थिति पर बयान दें। के सुरेश का कहना है कि बेशक हमारे पास लोकसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन हम पीएम की प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं।
क्या है ये अविश्वास प्रस्ताव
सरल भाषा में कहें तो अविश्वास प्रस्ताव ये जांचने का एक तरीका है कि सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है या नहीं। भारत के संविधान में आर्टिकल-75 में केवल इतना कहा गया है कि सरकार यानी प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह होता है।
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस आज, ये होता क्या है: कौन-कितनी देर बोलेगा, क्या PM जवाब देने को मजबूर#ParliamentMonsoonSession #NoConfidenceMotion #RahulGandhi
पढ़ें पूरी खबर- https://t.co/SnMBhkHRji pic.twitter.com/N8bbz1VaSX
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) August 8, 2023
लोकसभा में जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं, इसलिए सरकार के पास इस सदन का विश्वास होना अनिवार्य है। इस सदन में बहुमत होने पर ही किसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार है। इसी को आधार बनाकर लोकसभा के रूल 198 में अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र है।
यद् दिला दें कि भारतीय लोकतंत्र में इसे ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मॉडल की संसदीय प्रणाली से लिया गया है।