नई दिल्ली, राहुल गांधी बैन के बाद भी सहारनपुर पहुंचे. उत्तर प्रदेश प्रशासन से इजाजत न मिलने बावजूद सड़क के रास्ते सहारनपुर के लिए निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित सरसावां पहुंचे, जहां उन्होंने कुछ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी उनके साथ हैं.
इस दौरान राहुल ने मीडिया से बातचीत में कहा, आज के हिन्दुस्तान में गरीब-कमजोर के लिए कोई जगह नहीं हैं. दलितों को दबाया जा रहा है, ये पूरे हिन्दुस्तान में हो रहा हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, मैं सहारनपुर जाना चाहता था, मुझे जाने नहीं दिया गया.
असल में वो मुझे बॉर्डर पर रोके थे, मैं उठ कर यहां आ गया. उन्होंने कहा, ‘मुझे प्रशासन ने कहा है इसलिए मैं वापस जा रहा हूं, जैसे ही यहां समस्या ठीक होगी, वो मुझे गांव में ले जाएंगे.’
राहुल का काफिला करनाल होते हुए यमुनानगर के रास्ते सहारनपुर की तरफ रवाना हुआ था. वहीं प्रशासन ने राहुल की इस यात्रा के मद्देनजर यूपी-हरियाणा सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखा था. राहुल की अगुवाई के लिए यूपी और हरियाणा के स्थानीय कांग्रेस नेता भी यमुना पुल पर बड़ी संख्या में मौजूद थे.
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आदित्य मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह अपना दौरा रद्द करें क्योंकि वह किसी भी भ्रम और उकसावे की स्थिति से बचना चाहती है. अगर राहुल आते हैं तो उनको जिले की सीमा पर रोक लिया जाएगा और वापस जाने का आग्रह किया जाएगा. लेकिन अगर वह नहीं मानते हैं तो दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं सूत्रों ने कहा कि अगर प्रभावित इलाकों में पीड़ितों से मिलने की इजाजत नहीं दी गई, तो राहुल गिरफ्तारी देंगे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, वे गरीबों, दलितों और आदिवासियों की आवाज दबा नहीं सकते.
राहुल गांधी और कांग्रेस उनकी आवाज उठाते रहेंगे. उन्होंने कहा, कोई भी हिंसा के पीड़ितों तक राहुल को पहुंचने से नहीं रो सकता. यह हिंसा बीजेपी के गुंडो के द्वारा कराई गई.
राहुल का शब्बीरपुर गांव जाने का कार्यक्रम है, जहां 5 मई को दलितों के मकानों को आग लगाई गई थी. वहीं खबर है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी राहुल के साथ सहारनपुर यात्रा में शामिल हो सकते हैं.